ज़ेरोधा विवाद पर नितिन कामत का जवाब: “₹5 करोड़ की लिमिट सुरक्षा के लिए है”

सोशल मीडिया पर सोमवार को ज़ेरोधा को लेकर एक विवाद शुरू हो गया, जब निवेशक डॉ. अनिरुद्ध मालपानी ने आरोप लगाया कि ब्रोकरेज कंपनी उन्हें अपने ही पैसे निकालने नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि ज़ेरोधा ने उनके अकाउंट से पैसे निकालने की लिमिट ₹5 करोड़ प्रति दिन तय कर रखी है और यह “अन्यायपूर्ण” है।
डॉ. मालपानी ने प्लेटफ़ॉर्म ‘X’ (पहले ट्विटर) पर लिखा, “The Zerodha scam! They don’t allow me to withdraw my own money, saying the daily limit is ₹5 crore. They use my money for free!” इस पोस्ट के बाद मामला तेजी से वायरल हो गया और यूज़र्स ने इस पर जमकर प्रतिक्रिया दी।
The Zerodha scam !
They don’t allow me to withdraw my own money from their account ,saying the daily limit for withdrawal is Rs 5 crores . They use my money for free !@zerodhaonline
This is unfair @nikhilkamathcio pic.twitter.com/QgEborsDxP— Dr Aniruddha Malpani, MD (@malpani) November 3, 2025
नितिन कामत का जवाब
मंगलवार को ज़ेरोधा के सह-संस्थापक और सीईओ नितिन कामत ने खुद इस पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ग्राहक का पेआउट अनुरोध पहले ही प्रोसेस किया जा चुका है और ₹5 करोड़ की लिमिट सिर्फ़ सुरक्षा कारणों से रखी गई है।
उन्होंने लिखा, “आपका पेआउट रिक्वेस्ट कल ही प्रोसेस हो गया था। हर वित्तीय कंपनी की तरह हमें भी अपने सिस्टम की सुरक्षा के लिए कुछ सीमाएं रखनी होती हैं। एक बार पैसे ट्रांसफर होने के बाद उन्हें वापस पाना संभव नहीं होता। इसलिए ₹5 करोड़ से ज़्यादा निकासी के लिए ग्राहक को सपोर्ट टिकट बनाना पड़ता है।”
Hi Dr, your payout requests were processed yesterday. We need to ensure, for the sake of our systems’ sanity (like all other financial services firms), that we have some checks in place when clients withdraw funds
As you can imagine, numerous potential issues can arise during… https://t.co/dfrj56Hyxi pic.twitter.com/8hhCW0DRFO
— Nithin Kamath (@Nithin0dha) November 4, 2025
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
कामत के इस जवाब के बाद कई यूज़र्स ने उनकी पारदर्शिता और तेज़ प्रतिक्रिया की तारीफ़ की। एक यूज़र ने लिखा, “बहुत अच्छा जवाब नितिन, भरोसा बढ़ गया ज़ेरोधा पर।” दूसरे ने मज़ाक में लिखा, “भगवान करे मुझे भी ऐसे प्रॉब्लम हों!” एक और यूज़र ने कहा, “यही है X की ताकत, CEO खुद जवाब देने आते हैं।”
सोशल मीडिया पर इस चर्चा ने दिखाया कि कैसे बड़े ब्रांड्स और ग्राहकों के बीच पारदर्शी संवाद से विवाद भी पेशेवर ढंग से सुलझाए जा सकते हैं।





