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Rath Yatra 2021: पुरी-अहमदाबाद में निकल रही है जगन्नाथ रथ यात्रा, तत्कालीन राजा ने यात्रा अनुष्ठानों में लिया भाग; आरती में शामिल हुए गृह मंत्री

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कोरोना संकट के बीच ओडिशा के पुरी और गुजरात के अहमदाबाद में सोमवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जा रही है। बता दे हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा में भक्तों का तांता लग जाता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से भक्तों को इस यात्रा में शामिल होने का अवसर नहीं मिल पाएगा।

अहमदाबाद में जगन्नाथ रथ यात्रा का पूरा रूट करीब 13 किमी लम्बा, लगा कर्फ्यू।

अहमदाबाद की बात करे तो यहाँ सोमवार सुबह जगन्नाथ यात्रा की शुरुआत की गई, इस दौरान मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने भगवान जगन्नाथ के रथ के सामने सोने की झाड़ू से सफाई की। बता दे अहमदाबाद के जिस रूट से यात्रा निकल रही है, वहां पर कर्फ्यू लगा दिया गया है।

5 घंटे में पूरी हो सकती है यात्रा।

अहमदाबाद में जगन्नाथ रथ यात्रा का पूरा रूट करीब 13 किमी. का है । वैसे आम तौर पर इस यात्रा को पूरा होने में 10 घंटे का वक्त लगता है, लेकिन कोविड काल में क्योंकि श्रद्धालु नहीं हैं, ऐसे में इसे 4-5 घंटे में ये यात्रा पूरी हो सकती है।

आरती में शामिल हुए गृह मंत्री।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस दौरान अहमदाबाद में ही हैं। इसी क्रम में उन्होंने आज तड़के मंगला आरती में हिस्सा लिया। सुबह चार बजे हुई आरती में अमित शाह अपने परिवार के साथ हिस्सा लेने पहुंचे, यहां उन्होंने भगवान जगन्नाथ की पूजा की।

जानें पूरी में चल रही रथ यात्रा से जुड़ी प्रमुख बातें –

कौन हो सकेंगे यात्रा में शामिल।

यह उत्सव कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के बीच केवल पुरी में आयोजित होगा। केवल चयनित कोविड निगेटिव और टीके की दोनों खुराकें ले चुके सेवकों को ही ‘स्नान पूर्णिमा और अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की अनुमति होगी।

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500 सेवकों को है रथ खींचने की अनुमति।

नौ दिन तक चलने वाली रथ यात्रा तय कार्यक्रम के अनुरूप शुरू होगी और “महज 500 सेवकों को इस दौरान रथ खींचने की अनुमति होगी।”

यहाँ देखे लाइव यात्रा –

कब खत्म होगी यात्रा।

इस साल 12 जुलाई से रथ यात्रा शुरू हो जाएगी और देवशयनी एकादशी यानी 20 जुलाई को समाप्त होगी। यात्रा के पहले दिन भगवान जगन्नाथ प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर में जाते हैं।

पुरी में फिलहाल 48 घंटे का कर्फ्यू।

पुरी में फिलहाल 48 घंटे का कर्फ्यू है, जो रविवार रात 8 बजे से लागू है। जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार प्रतिबंध रविवार को रात 8 बजे से 13 जुलाई को रात 8 बजे तक लागू रहेगा। ओडिशा सरकार ने पुरी के सभी एंट्री प्वाइंट्स को सील कर दिया है और राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वो त्योहार के दौरान पुरी न जाएं और इसके बजाए टीवी पर रथ यात्रा का सीधा प्रसारण देखें।

जानें कैसे होता है रथ का आयोजन ?

भगवान विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा का विशाल रथ 10 दिनों के लिए बाहर निकलता है। इस यात्रा में सबसे आगे बलभद्र का रथ चलता है जिसे तालध्वज कहा जाता है। मध्य में सुभद्रा का रथ चलता है जिसे दर्पदलन या पद्म रथ कहा जाता है। सबसे अंत में भगवान जगन्नाथ का रथ चलता है जिसे “नंदी घोष” कहा जाता है।

क्या है इस यात्रा का महत्व।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस रथ यात्रा को देखने मात्र से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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