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दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से दिया इस्तीफा, पार्टी में मची हड़कंप

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दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से दिया इस्तीफा, पार्टी में मची हड़कंप

 

दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दिया। अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस द्वारा आम आदमी पार्टी को समर्थन दिए जाने से नराज होकर अपने पद से इस्तीफा दिया है। अरविंदर सिंह लवली ने पार्टी को अपने पद का इस्तीफ़ा देते हुए लिखा कि, “दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया…”

अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद उनसे मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता सुभाष चोपड़ा ने कहा, “मैंने कारण जानना चाहा कि उन्होंने(अरविंदर सिंह लवली) क्यों इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा कि वे पार्टी को कारण बता चुके हैं… ये हम सभी के लिए चौकाने वाला है लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल अपने पद से इस्तीफा दिया है पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है… ये पार्टी का आंतरिक मामला है… वे पार्टी में हैं और पार्टी के साथ हैं…”

उनके इस्तीफे पर भाजपा नेता आर.पी. सिंह ने कांग्रेस पर तंज कस्ते हुए कहा कि, “कांग्रेस में सब ठीक-ठाक नहीं है। कांग्रेस में एक परिवार ही सब कुछ चलाना चाहता है और परिवार ही सब कुछ चलाना चाहता है, जिससे जमीनी नेता तंग हैं…. दिखाई देता है कि कल तक वे(कांग्रेस) जिन लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे आज वे उन्हीं लोगों के साथ समझौता करके चुनाव लड़ रहे हैं। ये कैसे संभव है? साफ दिखाई दे रहा है कि वहां लोगों को घुटन हो रही है इसलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं।”

वहीं भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, “एक तरफ PM मोदी के नेतृत्व में मिशन और विजन वाली पार्टी और गठबंधन है और दूसरी तरफ एक ऐसा गठबंधन है जिसके भीतर ही विभाजन, असमंजस है और यह टुकड़े-टुकड़े पार्टी है। आज अरविंदर सिंह लवली ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। इन्होंने दिल्ली से ऐसे प्रत्याशियों को उतारा जिनका न ही दिल्ली और न ही उनकी पार्टी से कोई वास्ता था… जिस आम आदमी पार्टी का जन्म कांग्रेस को खत्म करते हुए हुआ… जिनके साथ पंजाब में कुश्ती है उनके साथ दिल्ली में मोहब्बत है… इसे जनता समझ रही थी और अब कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता भी इससे तंग आकर अपनी निराशा को बयान कर रहे हैं इसलिए इस गठबंधन में जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कलेश ही चलता है…”