जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत की सख्त कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि को रोकने और राजनयिक संबंधों को सीमित करने जैसे कड़े फैसलों के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की एक आपात बैठक में कहा कि पाकिस्तान को मिलने वाले पानी के प्रवाह को रोकने का कोई भी प्रयास युद्ध की कार्यवाही माना जाएगा।
NSC ने भारत के कदमों को “एकतरफा, गैर-जिम्मेदाराना और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ” बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। बैठक में यह चेतावनी दी गई कि अगर भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के हिस्से का पानी रोका या उसकी दिशा बदली, तो इसे “युद्ध की कार्रवाई” माना जाएगा और पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा।
पाकिस्तान के बड़े फैसले:
भारतीय एयरलाइनों के लिए एयरस्पेस बंद: पाकिस्तान ने सभी भारतीय एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है।
वाघा बॉर्डर सील: वाघा बॉर्डर को भी बंद कर दिया गया है। केवल वैध परमिटधारी यात्रियों को 30 अप्रैल तक लौटने की अनुमति है।
SAARC वीज़ा रद्द: SAARC वीज़ा स्कीम के तहत भारतीय नागरिकों के सभी वीज़ा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं, केवल सिख तीर्थयात्रियों को अस्थायी छूट दी गई है।
राजनयिक संबंधों में कटौती: इस्लामाबाद में मौजूद भारतीय थल, जल और वायुसेना के सलाहकारों को “अवांछनीय व्यक्ति” घोषित कर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही भारतीय उच्चायोग का स्टाफ घटाकर 30 कर दिया गया है।
व्यापारिक संबंध भी स्थगित: भारत के साथ सभी प्रकार के व्यापार, चाहे वह किसी तीसरे देश के माध्यम से हो, तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा: पाकिस्तान ने संकेत दिए हैं कि वह भारत के साथ शिमला समझौते सहित सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित कर सकता है।
यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक और गहरे तनाव के संकेत हैं, जहां दोनों देश अब कूटनीतिक और रणनीतिक मोर्चों पर आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं।
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