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दो साल में अमेरिका जैसा होगा भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर: नितिन गडकरी

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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को दावा किया कि भारत का सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर अगले दो वर्षों में अमेरिका जैसा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में सरकार द्वारा इस क्षेत्र में किए गए निवेश का असर अब दिखने लगा है।

गडकरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “सवाल यह नहीं है कि सड़कें कब बदलेंगी, बल्कि बदलाव तो शुरू हो चुका है। अभी आपने ट्रेलर देखा है, असली फिल्म आना बाकी है। जो प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं, वो तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। दो साल में आप देखेंगे कि भारत का सड़क ढांचा अमेरिका जैसा हो जाएगा।”

गडकरी ने यह भी कहा कि कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने उनसे मुलाकात कर कहा कि भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर अब अमेरिका से भी बेहतर लग रहा है। मंत्री ने बताया कि हाईवे और एक्सप्रेसवे के विस्तार से लॉजिस्टिक लागत में भारी कमी आई है, जिससे भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा बेहतर हुई है। उन्होंने कहा, “यदि हम अपने निर्यात को बढ़ाते हैं, तो इसका फायदा हमारे कृषि, मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों को होगा।”

गडकरी ने बताया कि पहले भारत में लॉजिस्टिक लागत जीडीपी की 16 प्रतिशत थी, जबकि चीन में यह 8 प्रतिशत, अमेरिका और यूरोप में 12 प्रतिशत के आसपास थी। “हमारी सड़कें अच्छी नहीं थीं, बंदरगाह विकसित नहीं थे, ट्रैफिक जाम लागत बढ़ा देता था। अब हमने लॉजिस्टिक लागत को 9 प्रतिशत तक घटा दिया है, जो हमें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती देगा।” उन्होंने कहा।

गडकरी ने बताया कि इस समय देश में 25 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 3,000 किलोमीटर लंबा पोर्ट कनेक्टिविटी हाईवे, और एक लाख करोड़ रुपये के धार्मिक पर्यटन सर्किट से जुड़े रोड प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा, “हम बौद्ध सर्किट और चारधाम यात्रा मार्गों को ऑल-वेदर हाईवे से जोड़ रहे हैं। जम्मू और श्रीनगर के बीच 36 सुरंगों का निर्माण हो रहा है, जिनमें से 23 पूरी हो चुकी हैं। इसके अलावा पर्वतमाला योजना के तहत 15 रोपवे और 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क्स बनाए जा रहे हैं।”

सार्वजनिक ढांचा किसी भी देश की आर्थिक प्रगति की रीढ़ होता है। पिछले एक दशक में भारत ने इस दिशा में कई बड़े कदम उठाए हैं। वर्ष 2021 में शुरू की गई पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान का उद्देश्य रेलवे और रोडवेज जैसे मंत्रालयों को जोड़कर इंटीग्रेटेड प्लानिंग और बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।

भारत इस समय दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क वाला देश है। नेशनल हाईवे नेटवर्क 2024 तक 1.46 लाख किलोमीटर तक पहुंच गया है। 2004 में यह 65,569 किमी था, जो 2014 में 91,287 किमी और फिर 2024 में 1,46,145 किमी हो गया। गडकरी का मानना है कि ये आंकड़े सिर्फ शुरुआत हैं और आने वाले वर्षों में भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया के विकसित देशों को टक्कर देगा।

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