भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को रोकने के लिए शुक्रवार रात कूटनीतिक स्तर पर तेज गतिविधियां हुईं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद हालात में बदलाव आया। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिफ मुनीर पर भारी दबाव डाला कि वह तुरंत युद्ध रोकें, वरना परिणाम भुगतने होंगे।
इसके बाद अमेरिका ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की और भरोसा दिलाया कि पाकिस्तान अब आगे हमला नहीं करेगा, बशर्ते भारत भी सैन्य कार्रवाई रोके। भारत ने साफ किया कि उसके शुरुआती सैन्य लक्ष्य पूरे हो चुके हैं और उसने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा दिया है। इसके बाद भारत भी सैन्य युद्धविराम पर सहमत हो गया।
हालांकि, यह केवल सैन्य युद्धविराम है। भारत ने साफ किया है कि वह सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के फैसले पर कायम रहेगा। इसके साथ ही भारत-पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों में कटौती भी जारी रहेगी।
इस घटनाक्रम के बाद उम्मीद की जा रही है कि सीमा पर हालात कुछ सामान्य होंगे, लेकिन भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह अपनी रणनीतिक तैयारी और सख्ती में कोई ढील नहीं देगा।
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