भारत और पाकिस्तान ने गुरुवार को अपने संघर्ष विराम समझौते को आगे बढ़ाने और सीमा पार सभी सैन्य कार्रवाइयों पर रोक लगाने पर सहमति जताई. यह निर्णय दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच उच्च स्तरीय वार्ता के बाद लिया गया है और इसका उद्देश्य चल रहे विश्वास-निर्माण उपायों को सुदृढ़ करना है.
सैन्य अधिकारियों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में, इस बात की पुष्टि की गई कि दोनों पक्ष सीमा पर “सतर्कता के स्तर को कम करने के लिए विश्वास-निर्माण उपायों को जारी रखने” पर सहमत हुए हैं.
यह घोषणा दोनों देशों के बीच 10 मई को आरंभिक युद्ध विराम समझौते पर पहुंचने के पांच दिन बाद की गई है, जो 7 मई को भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किए जाने के साथ शुरू हुए तीन दिनों के सैन्य शत्रुतापूर्ण माहौल के बाद हुआ था. इस अभियान में पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया था, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी.
भारत के सैन्य हमले के एक दिन बाद 8 मई को स्थिति ने एक अस्थिर मोड़ ले लिया, जब पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए ड्रोन और मिसाइलों से जवाबी हमला किया. हालांकि, भारतीय बलों ने हमलों को सफलतापूर्वक रोक दिया, जिससे आगे की क्षति और जानमाल की हानि को रोका जा सका.
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