Fact Check: रूस ने यूक्रेन पर नहीं किया न्यूक्लियर हमला, भ्रामक दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ न्यूक्लियर मिसाइल दागी है. जिसके चलते देशभर में हड़कंप मच गया है. तो चलिए जानते हैं कि आखिर इस दावे में कितनी सत्यता है.
“रूस ने दागी न्यूक्लियर मिसाइल, क्या अब बचेगा यूक्रेन?” वीडियो को शेयर करने वाली पोस्ट में लिखा गया कि, दुनिया एक बार फिर परमाणु युद्ध के मुहाने पर खड़ी है. रूस ने यूक्रेन पर न्यूक्लियर मिसाइल दाग दी है, जिससे पूरे विश्व में हड़कंप मच गया है. इस वीडियो को आप इस लिंग द्वारा देख सकते हैं.
बताते चलें कि रूस द्वारा यूक्रेन पर न्यूक्लियर मिसाइल के हमले वाले दावे का वीडियो जून 2, 2025 को पोस्ट किया गया है.
फैक्ट चैक
न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि, यह वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है
हमने इस वीडियो को देखा और जाना कि यह वीडियो भ्रामक दावे का साथ शेयक किया जा रहा है. हमने इस खबर के पीछे की वास्तविक्ता का पता लगाने के लिए रूस ने यूक्रेन पर किया न्यूक्लियर अटैक कीवर्ड सर्च किया. जिसमें हमें मिला कि यूक्रेन के ड्रोन हमले पर रूस की ऐसी प्रतिक्रिया की कोई विश्वसनीय समाचार रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे वीडियो पर हमारा संदेह बढ़ गया.
इसके बाद हमने रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 23 नवंबर 2024 की एक टिक टॉक पोस्ट मिली, जिसे शेयर करते हुए लिखा था “रूसी ‘ओरेशनिक’ फ्लाइट ट्रेल”.
प्रासंगिक कीवर्ड सर्च करने पर हम 27 नवंबर 2024 की तारीख वाले एक एक्स पोस्ट पर पहुंचे, जिसमें एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें बताया गया था कि 21 नवंबर 2024 को रूस ने पहली बार अपनी ओरेशनिक इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल पिवडेनमाश प्लांट पर हमला करने के लिए किया था, जो कि बिना किसी सैन्य महत्व के एक “राजनीतिक प्रदर्शन” में था. 23 दिसंबर, 2024 को ग्लोबल सिक्योरिटी रिव्यू के एक लेख में लिखा गया है, “21 नवंबर, 2024 को रूस ने यूक्रेन के नीपर में पिवडेनमाश एयरोस्पेस फैक्ट्री पर इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) से छह वॉरहेड दागे. प्रत्येक वॉरहेड ने छह गैर-परमाणु, गतिज सबम्यूनिशन का एक समूह गिराया. अमेरिकी आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) बैलिस्टिक मिसाइलों और ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो क्रूज मिसाइलों का उपयोग करके रूस पर यूक्रेनी हमलों के जवाब में यह हमला, अधिक रेंज, पैठ और विध्वंसक क्षमता के साथ पारंपरिक क्षमता का एक नया स्तर पेश करता है.”
➡️According to US 🇺🇸 data, the Russian 🇷🇺 #oreshnik missile was based on the RS-26 Rubezh intermediate-range ballistic missile and did not inflict significant damage to the Pivdenmash plant.
🎞️More in our short video⤵️ pic.twitter.com/WaYmqIHUZ1
— OSW – Centre for Eastern Studies, Poland (@OSW_eng) November 27, 2024
वायरल वीडियो का अंश, 00:39 से शुरू होकर, 24 नवंबर 2024 के इस 15-सेकंड के Facebook वीडियो से पता लगाया गया, जिसका शीर्षक था, “क्या दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर है क्योंकि रूस और यूक्रेन एक-दूसरे के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहे हैं?”, जो आगे पुष्टि करता है कि वायरल वीडियो 1 जून 2025 को रूसी एयरबेस पर यूक्रेनी ड्रोन हमले से पहले का है. हमें एक्स पर 21 नवंबर, 2024 का Daily Mail post मिला, जिसमें वही वीडियो शेयर किया गया था. 21 नवंबर, 2024 की डेली मेल की एक रिपोर्ट में लिखा था, “सुरक्षा कैमरों ने उस क्षण को कैद कर लिया जब कई प्रोजेक्टाइल रात के आसमान में चमके और नीपर शहर में कई विस्फोट हुए, जहां राज्य के स्वामित्व वाली एयरोस्पेस और रक्षा निर्माता युज़माश [जिसे अब पिवडेनमैश के नाम से जाना जाता है] के संयंत्र स्थित हैं 22 नवंबर 2024 की यूरेशियन टाइम्स की एक ऐसी ही रिपोर्ट देखी जा सकती है.
निष्कर्ष
2024 में यूक्रेन में एक एयरोस्पेस फैक्ट्री पर रूस द्वारा हमला करने का वीडियो इस दावे से साझा किया गया कि रूस ने यूक्रेन पर न्यूक्लियर हमला कर दिया है.
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