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फैक्ट चेक: क्या कर्नाटक चुनाव में बीजेपी नेता की गाड़ी से बरामद हुई इवीएम मशीनों को आम लोगों ने तोड़ डाला?

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फैक्ट चेक: क्या कर्नाटक चुनाव में बीजेपी नेता की गाड़ी से बरामद हुई इवीएम मशीनों को आम लोगों ने तोड़ डाला?

 

सोशल मीडिया पर वोटिंग मशीन तोड़ते कुछ लोगों का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के दौरान आम लोगों को एक बीजेपी नेता की गाड़ी में ईवीएम मशीनें प्राप्त हुईं और लोगों ने इन मशीनों को तोड़ डाला। फेसबुक पर वायरल वीडियो को शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा है कि, ‘BJP नेता के गाड़ी में EVM मशीन पकड़े जाने पर स्थानिय लोगों ने किया हंगामा!! EVM जब भी पकड़ी जाती है इनकी ही गाड़ियों में क्यू पकड़ी जाती हैं’

 

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें

फैक्ट चेक:

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या सच में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान एक बीजेपी नेता की गाड़ी से ईवीएम मशीन मिली? इसका सच पता करने के लिए हमने वीडियो के एक कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें भारत एक्सप्रेस की वेबसाइट पर 10 मई को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट प्राप्त हुई। इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो का एक स्क्रीनशॉट मौजूद है।

रिपोर्ट में यह बताया गया है कि कर्नाटक के विजयपुरा जिले के बासवाना बागेवाड़ी तालुक में ईवीएम मिलने की अफवाह के बाद लोगों ने अफसरों की गाड़ी में रखी वोटिंग मशीनों को तोड़ डाला। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि जिस ईवीएम मशीन को आम लोग तोड़ रहे हैं असल में वे मशीनें रिज़र्व रखी गई थीं। इसके अलावा इस रिपोर्ट में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि यह मशीनें किसी बीजेपी नेता की गाड़ी से बरामद हुईं थीं।

सटीक जानकारी के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी का एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में बताया गया है कि विजयपुरा जिले में आम लोगों ने कुछ निर्वाचन अधिकारियों की गाड़ी को रुकवाकर रिसर्व रखी वोटिंग मशीनों के साथ तोड़फोड़ की। इस मामले में 23 लोगों की गिरफ्तारी की भी बात कही गई है।

कुछ अन्य कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें न्यूज़ 18 राजस्थान के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो प्राप्त हुआ। इस वीडियो में वायरल वीडियो के अंश को देखा जा सकता है। वीडियो में बताया गया है कि कुछ लोगों ने अफवाह के चलते अधिकारियों की गाड़ियों में रखी गई रिसर्व वोटिंग मशीनों को तोड़ दिया।

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह पता चलता है कि वायरल वीडियो के साथ शेयर किया जा रहा दावा भ्रामक है। इस वीडियो के जरिए बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।