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फैक्ट चेक: सोशल मीडिया पर वायरल कांग्रेस के पोस्टर में गोमांस का नहीं किया गया जिक्र

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फैक्ट चेक: सोशल मीडिया पर वायरल कांग्रेस के पोस्टर में गोमांस का नहीं किया गया जिक्र

 

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। यह तस्वीर कांग्रेस पार्टी के एक प्रचार पोस्टर की है। इस पोस्टर में खाना खाते हुए एक व्यक्ति की तस्वीर को पोस्ट किया गया है। इसके साथ ही पोस्टर में किसी अन्य भाषा में कुछ लिखा भी हुआ है। सोशल मीडिया पर इसी पोस्टर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि केरला में कांग्रेस ने बहुत घिनौना प्रचार किया है। कांग्रेस ने पोस्टर में लिखा है कि ‘अगर गौ मांस खाना है तो कांग्रेस को लाना है’।

फेसबुक पर केरल में बेहद घिनौना कांग्रेस का पोस्टर- पोस्टर पर लिखा है “अगर गौ मांस खाना है तो कांग्रेस को लाना है” ये वही राहुल गांधी है जो परम शिवभक्त जनौऊधारी हिन्दू बनकर गुजरात में घूमते हैं और केरल में गोमांस पर वोट माँगते हैं…!!!

 

 

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देंखे।

फैक्ट चेक: 

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल के दौरान हमने पाया कि वायरल तस्वीर को फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्टर की सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च टूल के साथ गूगल पर खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल तस्वीर Voice of IUML नामक फेसबुक पेज पर मिली, जिसे अप्रैल 03, 2019 को अपलोड किया गया था। प्राप्त फेसबुक का लिंक यहाँ देखें।

गौरतलब है प्राप्त फसेबूक पर भी इसे किसी अन्य भाषा के कैप्शन के साथ अपलोड किया गया था। कैप्शन के भाषा को समझने के लिए हमने गूगल ट्रांसलेटर का इस्तेमाल किया। गूगल ट्रांसलेटर के इस्तेमाल से हमने जाना कि कैप्शन में लिखा गया है कि, हमें खुद को नहीं भूलना चाहिए, यूडीएफ को वोट देना चाहिए। यूडीएफ के लिए एक वोट, राहुल जी के लिए एक समर्थन, राष्ट्र की भलाई के लिए और लोगों के उद्धार के लिए 

इस दौरान हमने जाना कि कैप्शन में कहीं भी गौमांस जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। अब पुष्टि के लिए हमने पोस्टर में इस्तेमाल किए गए मलयालम भाषा के कैप्शन को भी समझने का प्रयास किया। इसके लिए अब हमने गूगल लेंस का इस्तेमाल किया।

 

गूगल लेंस की सहायता से हमने जाना कि, यहाँ भी हमने जाना कि कहीं भी बीफ जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यहाँ मलयालम भाषा में लिखा गया है कि  ‘ I want to know Killing for food? In this country? At this time? No primitive politics, let indiscriminate people come.

पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि वायरल पोस्टर हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2019 के दौरान का है, इसके साथ ही इसमें कहीं भी बीफ या गौमांस जैसे किसी भी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है।