भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चौथी पुण्यतिथि आज, राष्ट्रीपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने किया नमन
आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की चौथी पुण्यतिथि है। 16 अगस्त, 2018 को भारत के भूतपूर्व अटल बिहारी वाजपेयी का 93 वर्ष की आयु में निधन हुआ था। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उनके समाधि स्थल ‘सदैव अटल’ पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित की। इन सभी नेताओं के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी श्रद्धांजलि दी। फिलहाल बड़े नेताओं के आने का सिलसिला अभी जारी है।
दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक 'सदैव अटल' पर पुष्पांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/cJV29Bveqe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2022
अटलजी की पुण्यतिथि पर उन्हें अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी स्मृति को कोटि-कोटि नमन। pic.twitter.com/EjVPHvzAEk
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 16, 2022
राजनीतिक करिअर की शुरुआत
अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे। वह 1968 से 1973 तक जनसंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। 1952 में वो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। इसके बाद 1957 में यूपी के बलरामपुर सीट से जनसंघ प्रत्याशी के रूप में उन्होंने विजयी हासिल की। इमरजेंसी के बाद आई मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक वे विदेश मंत्री रहे। वर्ष 1980 में जनता पार्टी से अलग होकर उन्होंने भाटिया जनता पार्टी की स्थापना में मदद की और बाद 6 अप्रैल 1980 को बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी बने। जिसके बाद वह दो बार राज्यसभा के लिए भी चुने गए।
वर्ष 1996 में पहली बार अटल बिहारी देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन बहुमत न होने के चलते उनकी सरकार मात्र 13 दिनों के बाद गिर गई। जिसके बाद वर्ष 1998 में वे दोबारा पीएम बने, लेकिन, 13 महीने बाद 1999 की शुरुआत में उनके नेतृत्व वाली सरकार दोबारा गिर गई।