Hindi Newsportal

DRDO ने तैयार की कोरोना की दवा; मरीज़ों के जल्द रिकवर होने का दावा, ऑक्सीजन की ज़रुरत भी घटेगी, अब DGCI ने दी आपात इस्तेमाल को मंजूरी

0 594

कोरोना से जारी लड़ाई के खिलाफ एक राहत भरी खबर आई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने शनिवार को ड्रग 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) दवा से कोरोना के इलाज को इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया है यानी अब ट्रायल के अलावा भी अस्पताल अपने मरीज़ों के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे। बता दे कोरोना संक्रमित मरीज के लिए यह एक वैकल्पिक यानी ऑप्शनल इलाज होगा। गौरतलब है कि जिन मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया, उनकी RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव आई।

किस ने बनाई है 2-DG दवा और कैसे है परिणाम ?

इस दवा को रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान यानी (डीआरडीओ) की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलायड साइंसेज ने डॉ रेड्डी लैब हैदराबाद के साथ मिलकर बनाया है। डीआरडीओ ने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल में सामने आया है कि यह दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों को तेजी से रिकवर करने में मदद करती है और मरीज की ऑक्सीजन पर निर्भरता को भी कम करती है।

जिन मरीज़ों का हुआ इस दवा से इलाज, उनके लक्षण आये कम, रिकवर भी हुई जल्द।

2-डीजी के साथ जिन रोगियों का इलाज किया गया उनका जब आरटी-पीसीआर किया गया तो बड़ी संख्या में रिपोर्ट निगेटिव आई। दवा के असर के ट्रेंड की बात करें तो 2-डीजी से इलाज किए गए मरीजों में तेजी से रोग के लक्षण में भी कमी देखी गई।

कुल 110 मरीज़ों पर हुआ है ट्रायल।

  • सबसे पहल बता दे DGCI ने मई 2020 में कोरोना मरीजों पर 2-DG का दूसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया था।
  • अक्टूबर 2020 तक चले ट्रायल में दवा 2-DG को सुरक्षित पाया गया। इससे कोरोना मरीजों को तेजी से रिकवर होने में मदद मिली थी ।
  • फेज-2 ट्रायल A और B फेज में किया गया।
  • इनमें 110 कोरोना मरीजों को शामिल किया गया।
  • फेज-2A में 6 अस्पतालों के मरीज शामिल थे।
  • जबकि फेज-2B में 11 अस्पतालों के मरीज शामिल हुए थे।

कब हुए तीसरे ट्रायल।

दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक 220 कोरोना मरीजों पर तीसरे फेज का ट्रायल किया गया। ये ट्रायल दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के 27 अस्पतालों में किया गया। ट्रायल के दौरान तीसरे दिन मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 42% से घटकर 31% हो गई। खास बात यह है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों पर भी दवा का पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिखा।

ऑक्सिजन की निर्भरता को करती है कम।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि क्लिनिकल टेस्ट में सामने आया कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों के जल्द ठीक होने में मदद करने के साथ-साथ अतिरिक्त ऑक्सिजन की निर्भरता को कम करती है।

कैसे ली जाएगी ये दवा।

दवा पाउडर के रूप में मिलती है। इसे पानी में घोलकर मरीज को पिलाना होता है। ये दवा सीधे उन कोशिकाओं तक पहुंचती है जहां संक्रमण होता है और वायरस को बढ़ने से रोक देती है। इधर DRDO ने बयान जारी कर कहा है कि इसका उत्पादन भारी मात्रा में आसानी से किया जा सकता है।

Click here for Latest News updates and viral videos on our AI-powered smart news

For viral videos and Latest trends subscribe to NewsMobile YouTube Channel and Follow us on Instagram