दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने ‘कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट’ (CAQM) से ‘डायरेक्शन नंबर 89’ के लागू होने पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की है। इस निर्देश के तहत तय उम्र सीमा पार कर चुके वाहनों को ईंधन देने पर प्रतिबंध लगाया गया है। मंत्री सिरसा ने सीएक्यूएम को लिखे एक पत्र में कहा कि फिलहाल दिल्ली पूरी तरह से इस नियम को लागू करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने लिखा, “जब तक पूरे एनसीआर में ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) सिस्टम पूरी तरह से लागू नहीं हो जाता, तब तक इस निर्देश को लागू करने पर रोक लगाई जाए।”
Delhi Environment Minister Manjinder Singh Sirsa writes to the Commission for Air Quality Management to place on hold the enforcement of Direction No. 89, which mandates the denial of fuel to End-of-Life (EOL) vehicles in Delhi
“We urge the Commission to put the implementation… pic.twitter.com/mgg1Ymdaes
— ANI (@ANI) July 3, 2025
सरकार का कहना है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुधारने के प्रयास पहले से चल रहे हैं और तकनीकी समर्थन के बिना इस तरह के नियम से ज़मीन पर अव्यवस्था फैल सकती है। हालांकि यह निर्देश मंगलवार से लागू हो चुका है। दिल्ली परिवहन विभाग ने सुबह 6 बजे से एक बड़ी कार्रवाई शुरू की, जिसमें परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमों के साथ-साथ दिल्ली पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम के अधिकारी भी शामिल रहे।
‘डायरेक्शन नंबर 89’ के अनुसार, 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को अब ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश और 2014 के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों पर आधारित है, जिनमें ऐसे ‘एंड-ऑफ-लाइफ’ (EOL) वाहनों के संचालन और सार्वजनिक स्थानों पर पार्किंग पर रोक लगाई गई थी।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, यह कदम दिल्ली में सर्दियों के दौरान और भी ज्यादा बिगड़ने वाले वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने की व्यापक योजना का हिस्सा है। दिल्ली सरकार का कहना है कि वह वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इस तरह के सख्त कदमों को तकनीकी ढांचे के साथ लागू करना ज़रूरी है, ताकि आम लोगों को अनावश्यक परेशानी न हो।
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