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Delhi: 177 दिनों बाद तिहाड़ जेल से बाहर आये सीएम केजरीवाल, भारी बारिश के बीच कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत

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Delhi: 177 दिनों बाद तिहाड़ जेल से बाहर आये सीएम केजरीवाल, भारी बारिश के बीच कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत

 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। आज दिल्ली आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को जमानत दे दी है। दिल्ली शराब नीति से जुड़े CBI केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार, 13 सितंबर को जमानत मिल गई। केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से बाहर आये हैं। अदालत ने जमानत के लिए वही शर्तें लगाई हैं, जो ED केस में बेल देते वक्त लगाई गई थीं।

 

दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया। ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था… इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया। इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे तो केजरीवाल के हौसले टूट जाएंगे। आज मैं आपको कहना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आया हूं, मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं, मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है… इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कम नहीं कर सकती। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे आज तक ऊपर वाले ने मुझे रास्ता दिखाया, मुझे ताकत दी, ऐसे ही मुझे रास्ता दिखाता रहे, मैं देश की सेवा करता रहूं और ये जितनी भी राष्ट्र विरोधी ताकतें हैं… जो देश को बांटने का काम कर रही हैं, देश को अंदर से कमजोर करने का काम कर रही हैं, जिंदगी भर मैं इनके खिलाफ लड़ा हूं और ऐसे ही लड़ता रहूंगा।” आज सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी।

बता दें कि अरविंद केजरीवाल बीते 177 दिनों से जेल में बंद हैं वहीं सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत दी है। अरविंद केजरीवाल को सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। आज शाम तक केजरीवाल जेल से बाहर आ जाएंगे. ईडी केस में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई थी। हालांकि, केजरीवाल को कुछ शर्तों के साथ जमानत मिली है।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि तर्कों के आधार पर हमने 3 प्रश्न तैयार किए हैं. क्या गिरफ्तारी में अवैधता थी, क्या अपीलकर्ता को नियमित जमानत दी जानी चाहिए, क्या आरोपपत्र दाखिल करना टीसी पर आरोप लगाने के लिए परिस्थिति में पर्याप्त बदलाव है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले से ही हिरासत में मौजूद व्यक्ति को गिरफ्तार करने में कोई बाधा नहीं है।  हमने नोट किया है कि सीबीआई ने अपनी प्रशंसा में कारण दर्ज किए हैं कि उन्होंने इसे क्यों आवश्यक समझा. धारा 41ए(iii) का कोई उल्लंघन नहीं है।

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