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Lakhimpur Kheri Violence: राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल, सौंपा ज्ञापन; राहुल बोले- अगर पिता मंत्री तो निष्पक्ष कैसे होगी जांच

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले को बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद से अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके और पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके।

कौन- कौन था प्रतिनिधिमंडल में मौजूद।

कांग्रेस के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दल में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल रहे। गौरतलब है कि हाल ही में कांग्रेस ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा था।

गृह राज्य मंत्री के इस्तीफा के बिना निष्पक्ष जांच संभव नहीं: राहुल गांधी।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से मांग कि आरोपी के पिता जो गृह राज्य मंत्री हैं, को पद से हटा देना चाहिए क्योंकि उनकी मौजूदगी में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।

SC के दो जज करें जांच।

इतना ही नहीं, पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के दो वर्तमान न्यायाधीशों का आयोग गठित किया जाए तथा राष्ट्रपति इस बारे में सरकार को निर्देश दें।

राष्ट्रपति आज सरकार के करेंगे चर्चा: प्रियंका गांधी।

वहीं राष्ट्रपति के मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति ने हमलोगों को आश्वासन दिया है कि वह आज इस मामले पर सरकार के साथ चर्चा करेंगें। उनकी (केंद्रीय गृह राज्य मंत्री) बर्खास्तगी की मांग कांग्रेस की मांग नहीं है, हमारे साथियों की मांग नहीं है, यह जनता की मांग है और पीड़ित किसान परिवारों की मांग है।

हमारी है 2 मांगें – मल्लिकार्जुन खड़गे।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को लखीमपुर खीरी कांड के संबंध में सारी जानकारी दी। हमारी 2 मांगें हैं- मौजूदा जजों से स्वतंत्र जांच होनी चाहिए और गृह राज्य मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) को या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या बर्खास्त कर देना चाहिए। न्याय तभी संभव होगा।

क्या है लखीमपुर हिंसा मामला?

तीन अक्टूबर, 2021 की घटना लखीमपुर शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर तिकुनिया-बनबीरपुर रोड पर हुई, जब किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव बनबीरपुर जाने का विरोध कर रहे थे। इस घटना में चार किसान, एक पत्रकार और तीन अन्य (जो इस घटना के बाद पीट-पीट कर मार दिए गए थे) की मौत हो गई थी। मरने वाले किसानों में दो लखीमपुर खीरी और दो पड़ोसी बहराइच जिले के थे।

पुलिस हिरासत में है अजय मिश्रा का बेटा।

बता दें कि जिस दिन यह हिंसा लखीमपुर में हुई, उस दिन यूपी सरकार के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ वह लखीमपुर में एक सभा कर रहे थे। सोशल मीडिया में कुछ वीडियो फुटेज के जरिए अजय मिश्रा के बेटे की संलिप्तता का दावा किया गया, जिसे कोर्ट ने पहले न्यायिक हिरासत और बाद में पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

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