देश के कई हिस्सों में भारी बारिश से मची तबाही से देश झूझ ही रहा था कि ऐसे में अब प्रकृति का प्रकोप जम्मू – कश्मीर पहुंच गया है। दरअसल अब दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फट गया है। इधर बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में दो लंगर और सुरक्षाकर्मियों के एक शिविर को नुक्सान हुआ है और बीएसएफ सीआरपीएफ और जम्मू पुलिस के कैंप को नुकसान पहुंचा है। इसी दौरान उत्तरी कश्मीर के अलूसा बांडीपोर में भी बादल फटा और उसके साथ आई बाढ़ में एक मस्जिद और एक मकान समेत चार इमारती ढांचे व सड़क क्षतिग्रस्त हो गए।
#WATCH Cloudburst hits near the Amarnath cave in Jammu and Kashmir; No loss of life reported
Two SDRF teams are present at the cave; One additional team of SDRF deputed from Ganderbal
(Video source: Disaster Management Authority, J&K) pic.twitter.com/UgtOOoGAZG
— ANI (@ANI) July 28, 2021
तेज़ बारिश के कारण ऊपर से गिरने लगे मलबे और पत्थर।
आज दोपहर बाद साढ़े तीन बजे के करीब स्वामी अमरनाथ की पवित्र गुफा से करीब 200 मीटर दूर ऊपर पहाडी पर बादल फटा। इसके साथ ही वहां तेज बारिश हुई और पहाड़ के ऊपर से नाले में बाढ़ के साथ पत्थर और मलबा भी बहने लगा। जिसके बाद प्रशासन से समझदारी दिखाते हुए निचले क्षेत्र में स्थित सभी शीविर और तंबु को खाली करा दिया, जसकी वजह से कोई भी जान को नुक्सान नहीं पंहुचा है।
NDRF की टीमें हुई मुस्तैद।
अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के संबंध में मैंने जम्मू-कश्मीर के LG मनोज सिन्हा से बात कर जानकारी ली है। राहत कार्यों व स्थिति के सटीक आकलन के लिए NDRF की टीमें वहां भेजी जा रही हैं।
बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के संबंध में मैंने जम्मू-कश्मीर के LG श्री मनोज सिन्हा जी से बात कर जानकारी ली है। राहत कार्यों व स्थिति के सटीक आकलन के लिए NDRF की टीमें वहाँ भेजी जा रही हैं।
— Amit Shah (@AmitShah) July 28, 2021
जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की आज दूसरी बड़ी घटना।
बता दें कि किश्तवाड़ में सुबह 4.30 बजे बादल फटने के बाद बाढ़ आ गई। जिसमें हुंजर गांव के छह घर और एक राशन स्टोर बह गए। इसमें करीब 40 लोग लापता बताए जा रहे हैं। अभी तक सात लोगों के शव निकाल लिए गए हैं और 17 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है जिनमें से पांच की हालत गंभीर है। जिला उपायुक्त किश्तवाड़ अशोक कुमार शर्मा के मुताबिक सात शव निकाले जा चुके हैं। सेना, पुलिस और एसडीआरएफ की ओर से बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। किश्तवाड़ से एसडीआरएफ की टीम मौके पर है, जबकि जम्मू, उधमपुर और श्रीनगर से टीमों को घटनास्थल तक एयरलिफ्ट करने के लिए मौसम बाधा बना हुआ है।
मृतकों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने किश्तवाड़ में बादल फटने की वजह से जान गंवाने वालों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। जबकि गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे और एसडीआरएफ के तहत 12,700 रुपये भी दिए जाएंगे।
इतना ही नहीं, एसडीआरएफ के तहत घरों, बर्तनों, कपड़ों, घरेलू सामान, मवेशी, मवेशी शेड, कृषि भूमि के नुकसान आदि के लिए राहत उपायुक्त, किश्तवाड़ द्वारा भी प्रदान की जाएगी और जम्मू-कश्मीर सरकार का कहना है कि समर्थन और सुरक्षा के लिए स्थानीय लोगों को हरसंभव प्रयास करेगी।
जम्मू कश्मीर, हिमाचल और लद्दाख में बादल फटने से अब तक 16 की मौत।
इधर इससे पहले, हिमाचल प्रदेश और केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बारिश के कारण आई बाढ़ से बुधवार को कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और कई मकानों, खड़ी फसलों और एक लघु पनबिजली संयंत्र को क्षतिग्रस्त कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर गांव में बुधवार तड़के साढ़े चार बजे बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हुए हैं जबकि पर्वतीय राज्य में अचानक आई बाढ़ में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई, दो घायल हो गए और सात लापता हो गए है।
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