कोरोना महामारी के कारण 12वीं के छात्रों के मुल्यांकन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। बता दे कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए CBSE CISCE बोर्ड की परीक्षाएं तो रद्द कर दी गयी है लेकिन अब बच्चों को मार्क्स किस आधार पर और कैसे दिए जायेंगे वो आज सीबीएसई बोर्ड द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा गया। आज इस बात पर ही उच्चतम न्यायलय में सुनवाई हुई कि CBSE और ICSE समेत राज्य बोर्ड 12वीं के छात्रों की मार्किंग किस आधार पर की जाएगी। ख़ास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड द्वारा इस फॉर्मूले को स्वीकृति भी दे दी है।
Supreme Court Accepts Scheme Formulated By CBSE ICSE For Evaluation Of CLASS XII Students, Asks Them To Incorporate Dispute Resolution Mechanism And Timeline For Optional Exams @anubha1812,@AdvMamtaSharma,@royradhika7,@SrishtiOjha11 https://t.co/pVuBGQ8mF6
— Live Law (@LiveLawIndia) June 17, 2021
क्या है 12वीं के लिए रिजल्ट का फॉर्मूला ?
इसी क्रम में सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि मूल्यांकन के लिए उसका आधार क्या होगा। इसमें बताया गया है कि मूल्यांकन के लिए, कक्षा 12वीं के लिए तीन पेपरों में सर्वश्रेष्ठ अंक लिए जाएंगे, जिसका वेटेज 40 प्रतिशत होगा। सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बारहवीं कक्षा के रिजल्ट जो है वो छात्रों के दसवीं कक्षा (30% वेटेज), ग्यारहवीं कक्षा (30% वेटेज) और बारहवीं कक्षा (40% वेटेज) में प्रदर्शन के आधार पर तय किए जाएंगे।
CBSE told the Supreme Court that the Class XII results will be decided on the basis of performance in Class 10 (30% weightage), Class 11 (30% weightage) & Class 12 (40% weightage) – ANI #boardexams2021
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) June 17, 2021
दसवीं और ग्यारहवीं कक्षा के लिए फॉर्मूला ?
दसवीं और ग्यारहवीं कक्षा के लिए टर्म परीक्षा में पांच पेपरों में से सर्वश्रेष्ठ तीन पेपरों के मार्क्स देखें जाएंगे। बता दे 10वीं में भी छात्रों के बोर्ड एग्जाम होते हैं मगर सब्जेक्ट्स अलग होते हैं इसीलिए 10वीं के 5 विषयों में से सबसे बेहतर 3 विषयों के नंबर ही जोड़े जाएंगे।
इसके बाद 11वीं कक्षा के टर्म-एग्जाम, यूनिट एग्जाम और फाइनल एग्जाम्स में सभी 5 सब्जेक्ट्स के एवरेट मार्क्स जोड़े जाएंगे। इन नंबर्स का वेटेज 30-30 प्रतिशत होगा। आखिर में 12वीं के प्रैक्टिकल एग्जाम और प्री बोर्ड एग्जाम के मार्क्स को 40 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा। इस तीनों नंबर्स को जोड़कर कुल 100 में से नंबर मिलेंगे।
क्या कहा अटॉर्नी जनरल ने ?
12वीं में नंबर देने को लेकर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस तरह की स्थिति पहले कभी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि सीबीएसई ने 10वीं, 11वीं और 12वीं प्री बोर्ड के रिजल्ट को लिया है। 10 वी के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क्स लिए जाएंगे।
नतीजे से संतुष्ट नहीं तो कर सकते हैं अपील।
अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा कि जो छात्र अपने मार्क्स या ग्रेड से संतुष्ट नहीं होंगे, वह कोरोना से हालात सुधरने के बाद परीक्षा भी दे सकते है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रिजल्ट की घोषणा 31 जुलाई 2021 तक कर दी जाएगी। बता दे कि सीबीएसई की इसी क्राइटेरिया के आधार पर देशभर के अधिकांश राज्य बोर्ड भी 12वीं की बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट तय कर सकते है।
AG also said that students who are not satisfied with the marks/grading through the present mechanism can do better or improve their marks by appearing in physical examinations, as #COVID situation gets better or as the situation normalises or as the institutions think.
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) June 17, 2021