भारत में निर्मित स्वदेशी कोविड टीके कोवाक्सिन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है जो शायद देश और भारत की जनता की कई मुश्किलें कम कर देगी। दरअसल कोवाक्सिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी (डब्ल्यूएचओ) से जल्द ही मान्यता मिल सकती है। बताया जा रहा कि कोवाक्सिन को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (इओआई) को डब्ल्यूएचओ ने स्वीकार लिया है। आपको ये भी बता दे कि कोवाक्सिन को डब्ल्यूएचओ से मान्यता दिलाने के लिए भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को इओआई सबमिट किया था जिसके बाद अब इस मामले में अब प्री-सब्मिशन की बैठक 23 जून को होगी। यानी 23 जून को कोवैक्सीन की मंजूरी के लिए यह बैठक होगी।
Bharat Biotech and World Health Organisation's (WHO) pre-submission meeting on June 23rd, says a WHO document. #COVAXIN
— ANI (@ANI) June 17, 2021
ईसीएमआर और भारत बायोटेक ने मिलकर विकसित किया है टीका।
कोवैक्सिन को आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने मिलकर विकसित किया है। अब तक इस वैक्सीन को अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी यूज की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है, जिसकी वजह से कई देशों ने कोवैक्सीन लगवाने वाले लोगों के ट्रेवल को मंजूरी नहीं दी है।
WHO ने भारत बायोटेक को अधिक जानकारी देने के दिए थे निर्देश।
बता दे इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत बायोटेक को अपने कोवैक्सीन टीके को आपात इस्तेमाल के लिये सूचीबद्ध कराने को लेकर और अधिक जानकारी देने को कहा था। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर जारी एक दस्तावेज में कहा गया था कि भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को EOI यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट पेश की थी। इस संबंध में और अधिक जानकारी की जरूरत है।
फेज तीन के ट्रायल डेटा की है कमी।
दरअसल, देसी फार्मास्युटिकल कंपनी भारत बायोटेक को कुछ विदेशी देशों में कोवैक्सिन को मंजूरी मिलने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इसमें फेज तीन के ट्रायल डेटा की कमी है, जो डब्ल्यूएचओ के लिए वैक्सीन निर्यात करने और इसे बहुप्रतीक्षित कोरोना वायरस ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ का हिस्सा बनाने के लिए आवश्यक है।
विदेशी यात्रा को आसान बनाएगा वैक्सीन पासपोर्ट।
वैक्सीन पासपोर्ट से जुड़ा यह प्रस्ताव विदेशी यात्रा को आसान बनाएगा, लेकिन इसमें अभी कई अड़चनें हैं। कई विदेशी विश्वविद्यालय और देशों ने ऐसे नियम बनाए हैं कि डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त कोविड टीकों को लगवा चुके लोग ही बिना किसी पाबंदी के विदेश यात्रा कर सकेंगे। इन नियमों से सबसे ज्यादा प्रभावित विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले वे भारतीय छात्र होंगे, जिन्होंने कोवाक्सिन का टीका लगवाया है क्योंकि कोवाक्सिन को डब्ल्यूएचओ से मान्यता नहीं मिली है। ।
क्या कहना है कंपनी का ?
वहीं, भारत बायोटेक ने बताया है कि वह जुलाई के दौरान कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल डेटा को सार्वजनिक करेगी, जिसके बाद कंपनी भारत में कोविड -19 वैक्सीन के पूर्ण लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी। फिलहाल भारत में इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली हुई है।
इससे पहले भारत बायोटेक ने कहा था कि उसे कोरोना के अपने टीके कोवैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से जुलाई-सितंबर तक इमरजेंसी इस्तेमाल मंजूरी (ईयूए) मिलने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा कि कोवैक्सीन के लिए 60 से अधिक देशों में नियामकीय मंजूरी प्रक्रिया में है, जिसमें अमेरिका, ब्राजील, हंगरी जैसे देश शामिल हैं।