बिहार चुनाव से पहले बीजेपी का बड़ा दांव: 9 विधायकों के टिकट कटे, 5 पूर्व मंत्रियों की छुट्टी
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बड़ा राजनीतिक दांव खेला है. पार्टी ने मंगलवार को 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें कई पुराने चेहरों को टिकट नहीं दिया गया है. इनमें नौ मौजूदा विधायक और पांच पूर्व मंत्री शामिल हैं. बीजेपी ने इस लिस्ट के जरिए साफ संकेत दे दिया है कि वह 2025 के चुनाव में नए चेहरों और युवाओं पर दांव लगाने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तारापुर से, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा लखीसराय से, बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन बांकीपुर से और रेणु देवी बेतिया से चुनाव लड़ेंगी।#BiharElection2025 #BJPCandidates pic.twitter.com/DOmpjrNHiQ
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) October 14, 2025
विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव का टिकट कटा
सबसे बड़ा झटका विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव को लगा है. पटना साहिब सीट से लगातार 30 साल तक विधायक रहे यादव का इस बार टिकट काट दिया गया है. पार्टी ने उनकी जगह रत्नेश कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. नंदकिशोर यादव लंबे समय से बीजेपी के कद्दावर नेता और संगठन के मजबूत स्तंभ माने जाते हैं.
पूर्व मंत्रियों की छुट्टी, नए चेहरे को मौका
पार्टी ने इस सूची में पांच पूर्व मंत्रियों के टिकट काटे हैं.
- राजनगर (सुरक्षित सीट) से पूर्व मंत्री रामप्रीत पासवान की जगह सुजीत पासवान को मौका मिला है.
- औराई सीट से पूर्व मंत्री रामसूरत राय की जगह रमा निषाद को उम्मीदवार बनाया गया है. रमा निषाद पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी हैं.
- आरा सीट से वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अमरेंद्र सिंह की जगह संजय टाइगर को टिकट दिया गया है.
- कटोरिया (सुरक्षित) से निक्की हेंब्रम की जगह पूरनलाल टुडू को उम्मीदवार बनाया गया है.
- वहीं, रीगा सीट से पूर्व मंत्री मोतीलाल प्रसाद की जगह बैद्यनाथ प्रसाद को टिकट दिया गया है.
इन बदलावों से साफ है कि बीजेपी अब पुराने चेहरों की जगह संगठन में नई ऊर्जा और जातीय संतुलन साधने की कोशिश कर रही है.
मुंगेर, सीतामढ़ी और कुम्हरार में भी बदलाव
मुंगेर से विधायक प्रणव कुमार का टिकट काटकर पार्टी ने कुमार प्रणय को उम्मीदवार बनाया है.
सीतामढ़ी से मिथिलेश कुमार की जगह सुनील पिंटू को टिकट दिया गया है. दिलचस्प बात यह है कि सुनील पिंटू पहले बीजेपी में थे, लेकिन 2019 में जेडीयू के टिकट पर सांसद बने थे. इस बार लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला था, लेकिन अब पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा है.
कुम्हरार सीट पर भी बड़ा बदलाव हुआ है. यहां से पिछले 20 साल से विधायक अरुण सिन्हा का टिकट काटकर पार्टी ने संजय गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है.
नरपतगंज सीट पर भी बदलाव, जयप्रकाश यादव की जगह देवयंती यादव
नरपतगंज सीट से मौजूदा विधायक जयप्रकाश यादव की जगह देवयंती यादव को टिकट दिया गया है.
‘युवा और नए चेहरों पर भरोसा’ की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, बीजेपी की यह लिस्ट पार्टी के अंदर “जनरेशन शिफ्ट” की ओर संकेत देती है. पार्टी इस बार उन नेताओं को आगे ला रही है जो संगठन और जनता के बीच सक्रिय हैं.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “बीजेपी नेतृत्व का स्पष्ट संदेश है कि अब योग्यता, सक्रियता और जनता से जुड़ाव के आधार पर टिकट दिया जाएगा, न कि केवल पुराने रिकॉर्ड के आधार पर.”
राजनीतिक समीकरण पर असर
बीजेपी के इस फैसले से बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है. पुराने नेताओं में असंतोष की चर्चा भी शुरू हो गई है. हालांकि, पार्टी का दावा है कि बदलाव संगठन की मजबूती और 2025 में जीत की तैयारी के लिए किया गया है.





