असम सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता हेमंत बिस्व सरमा अब चुनावी माहौल के बीच आगामी 24 घंटे तक चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने पहले प्रचार पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया था जिसे घटाकर 24 घंटे कर दिया गया है। दरअसल चुनाव आयोग ने उन पर यह रोक लगाई है। दरअसल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट यानी (BPF) के चीफ हंग्रामा मोहिलायारी (Hagrama Mohilary) को धमकाने के कथित आरोपों को लेकर हेमंत से चुनाव आयोग ने जवाब मांगा था जिसके बाद अब आयोग ने उन पर कार्रवाई की है। इसके साथ ही उनके भाई और गोलपाड़ा के पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्व सरमा का भी जिले से तबादला कर दिया है। अब सरमा ने चुनाव आयोग की इस कठिन कार्यवाही के बाद अपना जवाब पेश किया है।
1/2 My reply to the notice issued by the Election Commission of India pic.twitter.com/kENqDYkG1o
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 3, 2021
2/2 My reply to the notice issued by the Election Commission of India pic.twitter.com/bK1WCAQnOW
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 3, 2021
अगले 48 घंटे तक नहीं कर पाएंगे ये चुनावी काम।
आयोग ने उन्हें दो अप्रैल से 48 घंटों के लिए विधानसभा चुनाव में कोई जनसभा आयोजित करने, जुलूस, रैलियां, रोड शो निकालने, साक्षात्कार देने और मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) से बात करने से रोक दिया। असम विधानसभा के तीसरे और अंतिम चरण के चुनाव के लिए प्रचार अभियान चार अप्रैल को शाम छह बजे समाप्त हो जाएगा। ईसी के आदेश के बाद मंत्री ने ट्वीट किया, ‘मुझे निर्वाचन आयोग ने अगले 48 घंटों के लिए प्रचार रोकने को कहा है इसलिए कल होने वाली मेरी सभी बैठकें रद्द की जाती है।’
I am asked by ECI to stop campaigning for next 48 hours. Therefore all my meetings scheduled for tomorrow stand cancelled.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 2, 2021
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कांग्रेस ने की थी शिकायत।
बता दे सरमा की शिकायत चुनाव आयोग में कांग्रेस ने की थी। कांग्रेस का कहना है कि सरमा ने बीपीएफ चीफ को रैली में सार्वजनिक धमकी दी है। कांग्रेस ने इस शिकायत में कहा था कि -सरमा ने बीपीएफ चीफ को NIA का इस्तेमाल कर जेल भेजने की धमकी दी है।
हेमंत बिस्व सरमा की सीट पर 6 अप्रैल को मतदान, लेकिन अब 24 घंटे तक नहीं कर पाएंगे प्रचार।
गौरतलब है कि असम में तीसरे और आखिरी चरण का चुनाव 6 अप्रैल को होगा और जानने वाली बात ये है कि इसी चरण में खुद हेमंत बिस्व सरमा की सीट पर भी वोटिंग होनी है। वे राज्य जालुकबाड़ी सीट से बीजेपी प्रत्याशी हैं। ऐसे में चुनाव आयोग का कदम सरमा के लिए एक बड़ा झटका है।