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5 अगस्त को पीएम मोदी करेंगे राम मंदिर का भूमि पूजन, ऐसा होगा अयोध्या में भव्य राम मंदिर

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देश में अब राम भक्तों का इंतजार खत्म हो गया है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या जाएंगे और वहां राम मंदिर का भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण की आधारशिला रखेंगे।

कौन कौन शामिल होगा भूमि पूजन कार्यक्रम में?

कोरोना संकट के चलते भूमि पूजन कार्यक्रम को बेहद सीमित रखा गया है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सरसंघ चालक मोहन भागवत, बीजेपी के सीनियर लीडर लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा शामिल होंगी.

इन नेताओ के अलावा अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में काशी के संत और विद्वान भी शामिल होंगे। श्री राम मंदिर न्यास की ओर से काशी के संत और विद्वानों को भूमिपूजन में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है।अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन काशी विद्वत परिषद की देखरेख में होगा । काशी विद्वत परिसद की ओर से तीन विद्वान इस भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे। इसके अलावा काशी के दो संत स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती और सतुआ बाबा आश्रम के महामंडलेश्वर संतोष दास जी की भूमि पूजन कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

40 किलो चांदी की श्रीराम शिला होगी समर्पित

भूमि पूजन में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास लगभग 40 किलो चांदी की श्रीराम शिला समर्पित करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी इस शिला का पूजन करेंगे और इसे स्थापित करेंगे।

कैसा होगा भूमिपूजन का कार्यक्रम –

प्रधानमंत्री के आगमन का कार्यक्रम पूरी तरह से तय किया जा चुका है। वह अयोध्या में करीब तीन घंटे गुजारेंगे।। ट्रस्ट की तरफ से मिल रही जानकारी के मुताबिक, भूमिपूजन का कार्यक्रम सुबह आठ बजे से शुरू होगा। प्रधानमंत्री 11 बजे से एक बजे तक इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

भूमिपूजन के लिए क्यों चुना पीएम मोदी को ?

कामेश्वर चौपाल के अनुसार, प्रधानमंत्री से भूमिपूजन कराने के पीछे ट्रस्ट की स्पष्ट मान्यता है। उन्होंने बताया कि भगवान राम आस्था के केंद्र ही नहीं, राष्ट्र पुरुष के तौर पर प्रतिष्ठित हैं और उनका मंदिर वस्तुत: राष्ट्रमंदिर ही है। ऐसे में राष्ट्रमंदिर के भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वसम्मत से सबसे बड़ी पसंद थे।

पांच अगस्त क्यों चुनी गयी तारिख ?

इस बारे में कहा जा रहा है कि श्रीराम नाम का जो मुहूर्त है वह पांच का है। यही सर्वार्थ सिद्धि का योग भी है। यह सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है और इसमें अगर भूमि पूजन किया जाए तो सर्वार्थ की सिद्धि प्राप्त होगी। इसके साथ ही माना जा रहा है कि बीते वर्ष यानी 2019 में पांच अगस्त को ही कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया था। इसी कारण पांच को ही भूमि पूजन के लिए अच्छा तथा यादगार माना जा रहा है।

कैसे होगा मंदिर का निर्माण –

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मानसून के तुरंत बाद राम मंदिर ट्रस्ट वित्तीय मदद के लिए देश भर के 10 करोड़ परिवारों से संपर्क करेगा। इस भव्य मंदिर के निर्माण में करीब तीन से साढ़े तीन साल लगेंगे।

161 फीट ऊंचा होगा राममंदिर, बनेंगे पांच गुंबद

रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा और इसमें पांच गुंबद होंगे। यह निर्णय सर्किट हाउस में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में किया गया। मंदिर निर्माण की मुहिम से पूरे देश का जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिए यह भी तय किया गया कि देश के 10 करोड़ परिवारों से धन संग्रह किया जाएगा। इसके साथ ही साढ़े तीन साल में मंदिर निर्माण पूर्ण होने का अनुमान व्यक्त किया गया।

ऐसा होगा मंदिर का डिज़ाइन –

प्रस्तावित मॉडल के मुताबिक 2.75 लाख घन मीटर भू-भाग पर बनने वाला राम मंदिर दो मंजिल का होगा। इस मंदिर की लंबाई 270 फुट, चौड़ाई 140 फुट और ऊंचाई 128 फुट होगी। 330 बीम और दोनों मंजिल पर 106-106 यानी कुल 212 खंभों वाले मंदिर में पांच दरवाजे होंगे। दरवाजे मंदिर के पांच हिस्सों यानी गर्भगृह, कौली, रंग मंडप, नृत्य मंडप और सिंह द्वार में लगाए जाएंगे। राम मंदिर के मुख्य द्वार का निर्माण मकराना के सफेद संगमरमर से किया जाएगा। गर्भगृह के ठीक ऊपर 16.3 फीट का प्रकोष्ठ बनाया जाएगा, जिस पर 65.3 फुट ऊंचे शिखर का निर्माण होगा

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