ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ ऐतिहासिक बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को 10 साल बाद अपने नाम कर लिया है। रविवार को तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया ने जीत हासिल की। भारत ने अपनी पहली पारी में 185 रन बनाए थे। जवाब में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 181 रन पर सिमट गई। भारत ने दूसरी पारी में 157 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया के सामने 162 रन का लक्ष्य रखा था। इसे ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट गंवाकर हासिल कर लिया।
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेले गए पांचवें और अंतिम टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर चार टेस्ट मैचों की सीरीज 3-2 से जीत ली। यह जीत ऑस्ट्रेलिया के लिए न केवल गर्व का विषय है, बल्कि क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी है।
ऑस्ट्रेलिया ने पूरे सीरीज में जबरदस्त प्रदर्शन किया। गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने भारत को कड़ी टक्कर दी। स्टीव स्मिथ, मार्नस लाबुशेन, और पैट कमिंस जैसे खिलाड़ियों ने निर्णायक भूमिका निभाई।
भारत के लिए यह सीरीज निराशाजनक रही। बल्लेबाजों का प्रदर्शन असंतोषजनक रहा, जबकि गेंदबाज भी उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके। कप्तान रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह के नेतृत्व में भारतीय टीम ने हालांकि कड़ी मेहनत की, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के अनुशासित प्रदर्शन के आगे वे टिक नहीं सके।
ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी बार 2014 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती थी। इसके बाद भारत ने इस ट्रॉफी पर लगातार कब्जा जमाए रखा था। लेकिन इस बार ऑस्ट्रेलिया ने अपने शानदार प्रदर्शन से ट्रॉफी को फिर से हासिल कर लिया। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व का पल है। टीम ने सीरीज के हर मैच में धैर्य और प्रतिबद्धता दिखाई। यह जीत हमारे सभी खिलाड़ियों की मेहनत का नतीजा है।”
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की यह सीरीज क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार रहेगी, जिसमें खेल की उत्कृष्टता और प्रतिस्पर्धा की झलक देखने को मिली।