नई दिल्ली: भारत की राजनीति के दिग्गज राजनेता शरद पवार ने NDTV से इंटर्व्यू के दौरान कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को आवश्यकता से अधिक महत्व दिया गया और इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट कमेटी से ही करवाई जानी चाहिए.
कांग्रेस की हिंडनबर्ग रिपोर्ट की JCP जांच की एकतरफा मांग पर शरद पवार ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अपने महाराष्ट्र सहयोगी के विचारों से सहमत नहीं हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख और देश के सबसे बड़े राजनेताओं में से एक, शरद पवार ने भी अदाणी ग्रुप का मजबूती दृढ़ता से समर्थन किया. इसके साथ ही उन्होंने Hindenburg रिपोर्ट से बनाए गए नैरटिव की आलोचना की.
शरद पवार ने अडानी मुद्दे पर आज मीडिया के जरिए कहा, कि एक जमाना ऐसा था जब सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करनी होती थी तो हम टाटा-बिड़ला का नाम लेते थे. टाटा का देश में योगदान है. आजकल अंबानी-अडानी का नाम लेते हैं, उनका देश में क्या योगदान है, इस बारे में सोचने की आवश्यकता है.
#WATCH एक जमाना ऐसा था जब सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करनी होती थी तो हम टाटा-बिड़ला का नाम लेते थे। टाटा का देश में योगदान है। आजकल अंबानी-अडानी का नाम लेते हैं, उनका देश में क्या योगदान है, इस बारे में सोचने की आवश्यकता है: अडानी मुद्दे पर NCP प्रमुख #SharadPawar pic.twitter.com/vRvToFjKgY
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) April 8, 2023
अडानी मुद्दे पर विपक्ष द्वार JPC की मांग पर NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा, JCP की मांग हमारे सभी साथियों ने की, ये बात सच है मगर हमें लगता है कि JPC में 21 में से 15 सदस्य सत्ताधारी पार्टी के होंगे. यहां ज्यादातर लोग सत्ताधारी पर्टी के हों वहां देश के सामने सच्चाई कहां तक आएगी.