यूँ तो ऐसी रूढ़िवादी सोच कि घर के काम केवल महिलाएं ही करती है, जो अब बदलने लगी है। ये मानसिकता कि “घर के काम केवल महिला और बहार के काम और कमाने वाले काम केवल मर्द करेंगे”, भी बदलने लगी है। कोरोना वायरस के दौरान लगे लॉक डाउन में घर के आदमियों ने भी घर में रह के खूब काम किया और साथ ही घर कि महिलाओ का साथ भी दिया।
मगर इन्हीं सब के बीच स्कॉच ब्राइट के एक लोगो ने सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा कर दिया। दरअसल, कार्तिक श्रीनिवासन, एक संचार रणनीति सलाहकार (communications strategy consultant), ने हाल ही में लिंक्डइन पर स्कॉच-ब्राइट को एक ऐड के लिए टोका।
दरअसल स्कॉच-ब्राइट का ऐड लैंगिक असमानता को दर्शा रहा था। ऐड में बिंदी लगाईं एक महिला कि तस्वीर थी जो सीधे – सीधे रूढ़िवादी जेंडर रोले को दर्शा रही थी। कार्तिक श्रीनिवासन ने लिखा –
“पुष्पांजलि बनर्जी ने हाल ही में मेरे साथ स्कॉच-ब्रिट के एक पैक की एक तस्वीर साझा की और उसके बाद मैंने जो देखा उसे मैं अनदेखा नहीं कर सका, “लोगो में बिंदी वाली महिला की छवि है!”
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उन्होंने कहा साल 2020 में ऐसे प्रोडक्ट्स में केवल महिलाओ कि फोटो हमारी छोटी मानसिकता और गलत सोच को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूँ कि 3M (कंपनी) अपनी इस भूल को सुधारेगा और जल्द ही इस लोगों को भी बदलेगा।
कार्तिक श्रीनिवासन के पोस्ट के बाद अतुल माथुर, (3M के कंस्यूमर बिज़नेस के हेड ऑफ़ मार्केटिंग) ने कार्तिक का शुक्रिया किया। कहा – हमारी ऐसी छोटी से भूल और गलती तो सामने लाने का धन्यवाद। माथुर ने लिखा, “आपने सही कहा है कि ऐसे ऐड में केवल महिलाओ की ही तस्वीर देना एक रूढ़िवादी प्रथा है। अब समय है कि हम इस रूढ़िवादी सोच से आगे बढे और कुछ नया भी सोचे।
जिसके बाद अतुल माथुर से कंपनी द्वारा सीरीज, “घर सबका, तो काम भी सभी का” नामक एक विज्ञापन का लिंक भी साझा किया।
अतुल माथुर ने अंत में ये वादा भी किया कि जल्द ही कंपनी नए लोगो के साथ आएगी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर स्कॉच कंपनी के इस सकारात्मक सोच और व्यवहार की खूब तारीफ भी हुई। वही स्कॉच ब्राइट के ऐड से हुई कंट्रोवर्सी ने ये तय कर दिया कि अगर कस्टमर थड़ा सा ध्यान दे और अगर कंपनी भी थड़ी समझदारी दे तो समाज में एक बहुत बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।