लता मंगेशकर – ये एक जादुई आवाज का नाम है, जो सात दशकों से हिंदी गीतों की दुनिया में छाया हुआ है. इनका नाम ही संगीत जगत में एक मधुर सी धुन जैसा है। अपनी आवाज के जादू से लाखों दिलों पर राज करने वाली लता मंगेश्वर की आवाज़ की तारीफ के लिए भाव तो बहुत होंगे मगर शब्द शायद बिलकुल भी नहीं। इसी सुरों की मल्लिका का आज जन्मदिन है।
हिंदी सिनेमा जगत को अपनी गायिका का खजाना देने वाली लता जी ने शुरुवात में गायकी के क्षेत्र में कई कठिनाइयों का सामना किया. उन्होंने साल 1942 में मराठी फिल्म से प्लेबैक सिंगर के तौर पर डेब्यू तो किया, लेकिन उनके गाने को एडिट कर फिल्म से बाहर कर दिया गया. हिंदी सिनेमा में उन्होंने पहला गाना साल 1943 में गाया. हालांकि इस गाने से लता को कुछ खास पहचान नहीं मिली. लेकिन 1948 के बाद लता ने संगीत की दुनिया को ही बदल दिया।
1948 में आई फिल्म ‘मजबूर’ में लता मंगेशकर ने ‘दिल मेरा तोड़ा मुझे कहीं का न छोड़ा’ गाना गया और इसके बाद वो सफलता की उस राह पर चल पड़ीं, जिसपर वापसी का रास्ता ही नहीं था.
लता मंगेश्वर की गायिका ऐसी है मानो सचमे उनके गले में स्वरस्वती का वास हो। इतनी मधुर आवाज़ से सुरों की मल्लिका ने न केवल लोगों के दिल पर राज किया बल्कि उनकी आवाज़ ने पूरे देश की आँखे नम भी की है। एक तरफ लता जी ने “ए मेरे वतन के लोगों ” गीत गाकर पूरे देश की आँखे भिगों दी। तो वही वीर ज़रा में इनके रोमांटिक आवाज़ ने भी कई लोगों के दिल को छुआ। सच में लता जी वो जादुई आवाज थी जिसने देश और दिल दोनों को एक धागे में पिरोया है
यहाँ तक कि लता ने कई पीढ़ी की अदाकाराओं को अपनी आवाज़ दी है, मीना कुमारी, नर्गिस, मधुबाला और साधना जाया बच्चन की पीढ़ी से लेकर माधुरी दीक्षित काजोल और प्रीति ज़िंटा जैसे अभिनेत्रियों तक उनकी आवाज़ ने जनता को कभी निराश नहीं किया।
लता मंगेशकर ने 1942 से अब तक, लगभग 7 दशकों में , 1000 से भी ज्यादा हिंदी फिल्मों और 36 से भी ज्यादा भाषाओं में गीत गाये हैं.1974 में दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ उनके नाम पर दर्ज है।