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‘सब्जियों के राजा टमाटर’ के बढ़े भाव – कही 50 तो कही 70 रूपए किलो बिका टमाटर

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कोरोना वायरस से झूझ रहा हमारा देश फिलहाल आर्थिक मंदी की मार झेल रहा है। इसी बीच पेट्रोल के बढ़ते दाम जनता को परेशान कर ही रहे थे कि अब सब्जियों के दाम ने जनता को रुलाना शुरू कर दिया है।

सब्जियों के भाव में आलम ये है कि जो टमाटर दो-तीन हफ्ते पहले तक मध्य प्रदेश समेत देश के कई इलाकों में वाजिब भाव न मिलने से सड़कों पर फेकें जा रहे थे वो अब अचानक 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं. टमाटर के इन बढ़े हुए दाम अब आम आदमी के घरेलू बजट पर हमला कर रहा है।

लखनऊ के रिटेल मार्केट में टमाटर 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है. इसी तरह राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर 70 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया। दिल्ली में टमाटर एक जून से सप्ताह दर सप्ताह दस-दस रुपये प्रति किलो महंगा हो रहा है। यह वृद्धि न सिर्फ असंगठित खुदरा बाजार में हो रही है, बल्कि मदर डेयरी के सफल स्टोर तथा बिगबास्केट व ग्रोफर जैसे ई-विक्रेताओं के यहां भी तेजी देखी जा रही है। रविवार को बिग बास्केट भी 60 से 66 रुपये किलो और ग्रोफर्स 53 से 55 रुपये किलो की दर से टमाटर बेच रही थी।

राजधानी दिल्ली सहित देश के कई प्रदेशों में भी टमाटर 50 रूपए प्रति किलो से ऊपर ही बिका। टमाटर के इन बढ़ते भाव ने मिडिल क्लास फ़ैमिली के जेब पर गहरा घाव भी कर दिया है। सिर्फ टमाटर ही नहीं बल्कि बाकी सारी सब्जयों के दाम में भी 20 से 30 % का इजाफा हुआ है।

क्यों आई टमाटर के भाव में उछाल –

किसानों और मंडी अध्यक्षों कि मानें तो देश में अधिकतर टमाटर हिमाचल, मध्यप्रदेश और हरयाणा जैसे राज्यों से आता है और इन राज्यों मे देखे तो इन राज्यों में भी कीमतें आसमान छू रही है।

कीमतों में तेजी की वजह टमाटर की सप्लाई में कमी है। दरअसल, हाल के दिनों में टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में अचानक बारिश और तेज गर्मी से टमाटर की फसल खराब हो गई है. इसके अलावा दाम कम मिलने से हरियाणा के किसानों द्वारा धान की खेती के लिए टमाटर की फसल को खेतों में नष्ट कर दिया गया, जिससे मंडियों में आवक घट गई है.

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दिल्ली समेत उत्तर भारत में टमाटर की सबसे ज्यादा सप्लाई हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से होती है. दो सप्ताह पहले हरियाणा से बड़े पैमाने पर टमाटर की आवक हो रही थी. लेकिन अब हरियाणा से टमाटर की आवक घट रही है क्योंकि बारिश और तेज गर्मी से टमाटर की फसल को भारी नुकसान होने की खबर है.

इसके अलावा टमाटर के प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में भाव सस्ते रहने से किसानों ने टमाटर की फसल खत्म करके प्याज की फसल लगाई है, क्योंकि भावांतर योजना में प्याज के अच्छे दाम मिल रहे हैं. दिल्ली की आजादपुर मंडी में इस समय रोजाना 40 से 45 गाड़ी टमाटर की आवक हो रही है, जबकि दस दिन पहले 50 से 60 ट्रक टमाटर की आवक थी.

मध्य प्रदेश में करीब 3-4 हफ्ते पहले इसकी थोक बाजार में कीमत 1 रुपये से 5 रुपये किलोग्राम पर आ गई थीं. देश के दूसरे हिस्सों में भी इसके भाव काफी गिर गए थे. लेकिन अब टमाटर ने भी प्याज के आंसू रुलाना शुरू कर दिया है।

वही टमाटर के बढ़ते भाव के चलते अब सियासी गलियारों में महंगाई को लेकर बहस छिड़ गयी है।

साथ ही टमाटर के साथ सब्जियों के बढ़ते दाम के चलते आम जनता में भी सरकार के खिलाफ रोष देखा जा रहा है।

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