Hindi Newsportal

सपा-बसपा गठबंधन पर मायावती का रुख साफ़, कहा बसपा अपने बल बूते पर लड़ेगी चुनाव

File Image
0 788

उत्तर प्रदेश की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनावों में सपा-बसपा गठबंधन पर बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती ने अपना रुख साफ़ कर दिया है. सोमवार को ट्वीट कर उन्होंने बताया कि पार्टी के हित को मद्देनज़र रखते हुए बसपा आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बलबूते पर ही लड़ेगी.

मायावती ने ट्विटर पर लिखा,”मायावती ने लिखा, ‘बीएसपी की आल इण्डिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घण्टे तक चली. इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था. फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं.वे पूरी तरह से सही नहीं हैं, जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था.”

सपा के साथ गठबंधन तोड़ने का बड़ा ऐलान करते हुए उन्होंने लिखा,”लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है. पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी.”

इसी संदर्भ में उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन बनने के कारणों को उजागर करते हुए लिखा,”वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया.”

बता दें कि 2019 में उत्तर प्रदेश की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनावों में पार्टी की रणनीति पर चर्चा के लिए बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को अपने घर एक अहम बैठक बुलाई थी,जिस दौरान यह फैसला लिया गया था. पार्टी के सभी उच्च पदाधिकारियों के साथ चर्चा के बाद मायावती ने पार्टी का यह फैसला आज ट्विटटर के ज़रिये सार्वजानिक किया.

ALSO READ: ‘चमकी बुखार’ मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की केंद्र, बिहार सरकार को फटकार,…

मायावती लोकसभा चुनावों के बाद से ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज़ चल रही है. लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद मायावती ने अपने बयान में कहा भी था कि समाजवादी पार्टी यादव वोट खींचने में नाकामयाब रही है, जबकि बसपा ने अपने वोट बैंक पर पकड़ बनाये रखी।

बता दें कि 2019 लोकसभा चुनावों में बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन में रहकर चुनाव लड़ा था, जिसके बाद भी दोनों पार्टियाँ संतोषजनक मात्रामें वोट बटोरने में नाकामयाब रही थी. बसपा ने जहां उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से केवल 10 सीटें अपने नाम की, वहीं सपा केवल पांच सीटों पर जीत दर्ज कर सकी.