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सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद पर बैठक, नहीं निकला कोई निष्कर्ष

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दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सतलुज-यमुना लिंक नहर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से श्रम शक्ति भवन में मुलाकात करने पहुंचे. जहां उन्होंने सतलुज-यमुना लिंक नहर पर बैठक की.

 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया से बात करते हुए कहा, आज SYL पर बात हुई थी. हम अपना सतलुज बचाना चाहते हैं. हमारे पास पानी नहीं है. सतलुत नदी नहीं नाला बन गई है. इसे SYL नहीं YSL बना देना चाहिए और यमुना से सतलुज को पानी देना चाहिए. हम चाहते हैं हरियाणा को पानी मिले लेकिन वह गंगा या यमुना से ले लें.

 

वहीं हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर ने कहा, SYL मुद्दे में हम अभी तक निष्कर्ष पर नहीं बढ़ पाए हैं. पंजाब के मु्ख्यमंत्री का कहना है कि उनके पास पानी नहीं है, पहले पानी का बंटवारा हो. पानी के बंटवारे का काम ट्रिब्यूनल का है, उसके फैसले के अनुसार बांट लेंगे. पहला विषय है कि SYL बननी चाहिए.

 

बता दें कि पंजाब और हरियाणा के अस्तित्व में आने के बाद से ही दोनों राज्यों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है. इन दोनों के बीच रावी और ब्यास नदी बहती है. दोनों राज्यों की अधिकांश आबादी इन्हीं राज्यों पर निर्भर है. पहले इन राज्यों के लिए पानी का आकलन 15.85 मिलियन एकड़ फीट (MAF) किया गया था. हालांकि 1971 में इसे बढ़ाकर 17.17 MAF कर दिया गया. इस पानी में से पंजाब को 4.22 MAF, हरियाणा को 3.5 MAF और राजस्थान को 8.6 MAF मिला.

 

पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद को लेकर 24 मार्च 1976 को केंद्र सरकार ने पानी के बंटवारे को लेकर अधिसूचना जारी की. हालांकि दोनों राज्यों के बीच विवाद के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका. करीब 5 साल तक दोनों राज्यों के बीच बातचीत चली लेकिन कोई हल नहीं निकल सका.