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क्या है संविधान का ’42वां संशोधन’? जिसे ‘मिनी संविधान’ भी कहा जाता है, पढ़ें

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क्या है संविधान का ’42वां संशोधन’? जिसे ‘मिनी संविधान’ भी कहा जाता है, पढ़ें

 

भारत में लोकसभा चुनावों के दो चरण हो चुकें हैं और अब तीसरे चरण की तैयारी हो रही हैं। जहां भाजपा भष्टाचार और कुशासन के मुद्दे पर विपक्ष को घेर रही है, वहीं विपक्ष आरक्षण, बेरोजगारी और संविधान को बदलने जैसे कई मुद्दों को भाजपा पर लेकर हमलावर है। ऐसे में जब भी संविधान में किसी संशोधनों की बात उठित है तो संविधान के ‘संशोधन 42’ की चर्चा जरूर होती है। तो आइये जानते हैं कि संविधान का 42वां संशोधन क्या है?

क्या है 42वां संशोधन?

यह संशोधन इंदिरा गांधी के शासन में इमरजेंसी के दौरान 1976 में हुआ था। इसे अब तक का सबसे व्यापक और विवादास्पद संशोधन कहा जाता है। इस संशोधन के दौरान संविधान की प्रस्तावना में तीन नए शब्द- समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता जोड़े गए थे। स्वर्ण सिंह कमेटी की सिफारिश के आधार पर 10 मौलिक कर्तव्य को शामिल किया गया। इसके अलावा शिक्षा, जंगल, जीवन की रक्षा, नापतोल यंत्र तथा न्यायिक प्रशासन जैसे विषयों पर केंद्र और प्रदेश दोनों को कानून बनाने का अधिकार मिल गया। उस वक्त ऐसा लगा था कि इस संशोधन के द्वारा सरकार कुछ भी बदल सकती है। यही वजह है कि इसे मिनी संविधान भी कहा जाता है।   

संशोधन के तहत यह हुए थे बदलाव?

  • इस प्रावधान के कारण किसी भी व्यक्ति को उसके मौलिक अधिकारों तक से वंचित किया जा सकता था। इस संशोधन ने न्यायपालिका को पूरी तरह से कमजोर कर दिया था। जबकि विधायिका को अपार शक्तियां दे दी गई थीं।
  • केंद्र सरकार को यह भी शक्ति दे दी गई थी कि वो किसी भी राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर कभी भी सैन्य या पुलिस बल भेज सकती थी। दूसरी तरफ राज्यों के कई अधिकारों को केंद्र के अधिकार क्षेत्र में डाल दिया गया था।
  • इस संशोधन के तहत राष्ट्रपति को कैबिनेट की सलाह को मानने के लिये बाध्य का किया गया था।
  • संवैधानिक संशोधन को न्यायिक प्रक्रिया से बाहर कर नीति निर्देशक तत्त्वों को व्यापक बनाया गया था।
  • शिक्षा, वन, वन्यजीवों एवं पक्षियों का संरक्षण, नाप-तौल और न्याय प्रशासन तथा उच्चतम और उच्च न्यायालय के अलावा सभी न्यायालयों के गठन और संगठन के विषयों को राज्य सूची से समवर्ती सूची में स्थानांतरित किया गया था।

क्यों किया गया था बदलाव?

इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए साल 1976 में आपातकाल लगाया था। उसी दौरान संविधान में 42 वां संशोधन किया गया था। जिसके तहत भारत के संविधान की प्रस्तावना में 3 नए शब्द जोड़े गए। उस समय संविधान संशोधन के पीछे यह तर्क दिया गया था कि देश को धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक तौर पर विकसित करने के लिए इन संशोधनों की जरूरत है।