वेब सीरीज ‘तांडव’ से जुड़े लोगों की मुश्किलें कम होने के नाम नहीं ले रही है। दरअसल आज भी इस सीरीज के निर्माताओं को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी।बता दे कोर्ट ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी पर रोक लगाने से मना कर दिया। हालांकि कोर्ट ने देशभर में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग पर नोटिस जारी किया है।
The #SupremeCourt on Wednesday issued notices on a plea filed by the Director, Producer, Writer and Actor of the web series #Tandav seeking for clubbing and transferring of criminal proceedings which have been initiated against them…
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इन सब ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी दाखिल।
बता दे ‘तांडव’ के अभिनेता मोहम्मद जीशान अय्यूब, निर्देशक अली अब्बास जफर, लेखक गौरव सोलंकी, निर्माता हिमांशु मेहरा और अमेजन प्राइम ओरिजिनल्स की प्रमुख अपर्णा पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
क्या थी इन सब की मांग?
कोर्ट में इस मामले पर तांडव निर्मातों की तरफ वरिष्ठ वकील फली नरीमन ने दलीलें रखीं। उनकी दलीलों में वरिष्ठ वकील ने कथित तौर पर कहा कि सीरीज के निर्माताओं ने आपत्तिजनक सामग्री के लिए माफी मांगी है। उन्हें शो से हटा दिया गया है। इसके बावजूद उनके खिलाफ लगातार मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। उन्होंने कथित तौर पर ये भी मांग की कि एफआईआर को रद्द कर देना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी मांग की कि इस पहलू पर नोटिस जारी करे और सुनवाई तक सभी लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दे।
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गिरफ्तारी पर रोक और अग्रिम ज़मानत से भी किया गया मना।
इस सुनावाई के दौरान वकीलों ने कथित तौर पर इस कंट्रोवर्सी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी पर रोक की कोशिश की। उन्होंने कहा, “कई राज्यों की पुलिस गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है। कम से कम कोर्ट तब तक के लिए गिरफ्तारी पर रोक लगा दे, जब तक याचिकाकर्ता वहां की अदालतों में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी नहीं देते। लेकिन कथित तौर पर कोर्ट ने इससे भी मना कर दिया। बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता इस तरह की राहत के लिए संबंधित हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं.।
अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर नहीं दिखा सकते कुछ भी।
इस सुनवाई के दौरान अभिनेता जीशान अयूब ने कहा, मैं एक अभिनेता हूं। मुझसे भूमिका निभाने के लिए संपर्क हुआ था। इस पर पीठ ने कहा, ‘आपकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं है। आप ऐसा किरदार नहीं निभा सकते हैं जो एक समुदाय की भावनाओं को आहत करता हो।’
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गौरतलब है कि वेब सीरीज के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का और एक धर्म का अपमान करने के आपराधिक मुकदमे दायर किए गए हैं। ये अपराध आईपीसी की धारा 153ए और 295 के तहत दंडनीय हैं।
अली अब्बास जफर मांग चुके हैं माफी।
तांडव को लेकर शुरू हुए सियासी बवाल के बाद निर्माता और निर्देशक अली अब्बास जफर पहेल ही माफ़ी मांग चुके हैं। अली ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था, ‘हम तांडव वेब सीरीज को मिल रही दर्शकों की प्रतिक्रियाओं को नजदीकी से देख रहे हैं और आज सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ विमर्श के दौरान उन्होंने हमें बड़ी तादाद में आ रही उन शिकायतों और याचिकाओं के बारे में बताया, जिनमें लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की बातें कही गई हैं।
बता दे आगे की सुनवाई 4 हफ्ते बाद की जाएगी।