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विश्व उपभोक्ता दिवस आज, जानें क्या हैं एक उपभोक्ता के अधिकार

सोर्स: सोशल मीडिया
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विश्व उपभोक्ता दिवस आज, जानें क्या हैं एक उपभोक्ता के अधिकार

 

विश्व में हर साल 15 मार्च को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। जब भी बाजार से कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की कोई सेवा लेता हैं या कोई चीज खरीदता हैं तो वह एक उपभोक्ता बन जाता है। हम में से हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में उपभोक्ता है। आज के आधुनिक युग में हर व्यक्ति जन्म से लेकर मृत्यु तक एक उपभोक्ता ही है।

 

ऐसे में हर व्यक्ति को कभी न कभी नाप-तोल में गड़बड़ी, मनमाने दाम वसूलना, जमाखोरी, मिलावट, बगैर मानक वस्तुओं की बिक्री, ठगी, सामान की बिक्री के बाद गारंटी अथवा वारंटी के बाद भी सेवा प्रदान नहीं करना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा होगा। तो इन्हीं समस्याओं से छुटकारा दिलाने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने के लिए हर साल 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है।

 

जानें क्या है इसका इस्तिहस 

उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत सबसे पहले 15 मार्च 1962 को अमेरिका में हुई थी लेकिन 1983 से यह दिवस हर साल 15 मार्च को मनाया जा रहा है। भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरूआत मुंबई में 1966 में हुई थी। इसके बाद पुणे में 1974 में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद कई राज्यों में उपभोक्ता कल्याण के लिए संस्थाओं का गठन किया गया। इस प्रकार उपभोक्ता हितों के संरक्षण की दिशा में यह आंदोलन आगे बढ़ता गया।

 

उपभोक्ता के तौर पर क्या है आपके अधिकार

 

1. सुरक्षा का अधिकार

सुरक्षा का अधिकार किसी भी ग्राहक को मिलने वाला पहला अधिकार है। इसके तहत कोई दुकानदार ग्राहकों को कोई भी खराब सामान नहीं बेच सकता है. सामान बेचते समय उसकी गुणवत्ता का ध्यान रखना जरूरी है

2. सूचित किए जाने का अधिकार

यह सभी उपभोक्तओं का दूसरा अधिकार है। इसके तहत ग्राहकों को यह हक मिला है कि वह जान सके कि प्रोडक्ट की क्वॉलिटी और क्वांटिटी क्या है। इसके साथ ही प्रोडक्ट के दाम के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार ग्राहक के पास है।

3. चुनने का अधिकार

उपभोक्ताओं को चुनने का अधिकार मिलता है। उपभोक्ता किसी भी प्रोडक्ट, कंपनी या सर्विस को अपनी जरूरत और इच्छा के अनुसार चुन सकता है।

4. सुने जाने का अधिकार.

इसके जरिये ग्राहकों को यह अधिकार मिलता है कि किसी भी तरह का अन्याय होने की स्थिति में वह अपनी शिकायत कंज्यूमर कोर्ट में कर सकता है। कोर्ट ग्राहक की पूरी बात सुनकर अपना फैसला सुना सकता है।

5. समस्या के समाधान का अधिकार

इस अधिकार के तहत उपभोक्ता खराब प्रोडक्ट मिलने पर दूसरे अच्छे प्रोडक्ट की मांग कंपनी या दुकानदार से कर सकता है। ऐसा न करने पर वह कंज्यूमर कोर्ट भी जा सकता है।

6. उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार.

इस अधिकार के माध्यम से ग्राहकों को अपने सभी अधिकार जानने का हक है. इसके जरिये किसी तरह के फ्रॉड की स्थिति में व्यक्ति अपनी शिकायत कर सकता है।