नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा और उन पर सवाल खड़े किए.
राष्ट्रपति के अभिभाषण की बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ‘राष्ट्रपति के अभिभाषण में बेरोजगारी और महंगाई जैसे शब्द नहीं थे.’
राहुल गांधी ने कहा, यात्रा में युवाओं ने हमसे कहा हमें पहले सर्विस और पेंशन मिलती थी लेकिन अब हमें 4 साल के बाद निकाल दिया जाएगा, वरिष्ठ अफसरों ने कहा कि हमें लगता है अग्नीवीर योजना हमसे नहीं बल्कि RSS की ओर से आई है और इसे आर्मी पर थोपा गया है.
उन्होंने आगे कहा, आज पैदल यात्रा करने की परंपरा खत्म हो गई है. शुरुआत में चलते वक्त हम लोगों की आवाज़ सुन रहे थे मगर हमारे दिल में यह भी था कि हम भी अपनी बात रखें. हमने हजारों लोगों से बात की, बुजुर्गों से और महिलाओं से बात की. इस प्रकार से यात्रा हमसे हमसे बात करने लगी.
लोकसभा में राहुल ने अडानी के मुद्दे पर सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 2014 में दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में अडानी 609 नंबर पर थे, पता नहीं जादू हुआ और यह दूसरे नंबर पर आ गए.लोगों ने पूछा आखिर यह सफलता कैसे हुई?और इनका भारत के PM के साथ क्या रिश्ता है?मैं बताता हूं कि यह रिश्ता काफी साल पहले शुरु हुआ जब नरेंद्र मोदी CM थे. अडानी के लिए एयरपोर्ट के नियमों में बदलाव किए गए, नियमों को बदला गया और नियम किसने बदले यह ज़रुरी बात है. यह नियम था कि अगर कोई एयरपोर्ट के व्यवसाय में नहीं है तो वे इन एयरपोर्ट को नहीं ले सकता है. इस नियम को भारत सरकार ने अडानी के लिए बदला.
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया और कहा, भारत सरकार ने CBI-ED का दबाव डालकर एजेंसी का प्रयोग करते हुए GVK से लेकर एयरपोर्ट को अडानी सरकार को दिलवाया गया. नियम बदलकर अडानी को 6 एयरपोर्ट दिए गए. मैं इसके सबूत भी दे दूंगा. ड्रोन सेक्टर में भी अडानी का कोई अनुभव नहीं था. भारत सरकार ने CBI-ED पर दबाव डालकर एजेंसी का प्रयोग करते हुए GVK से लेकर एयरपोर्ट को अडानी सरकार को दिलवाया गया. नियम बदलकर अडानी को 6 एयरपोर्ट दिए गए. मैं इसके सबूत भी दे दूंगा. ड्रोन सेक्टर में भी अडानी का कोई अनुभव नहीं था.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा और उन पर सवाल खड़े करते हुए लोकसभा में कहा, प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलिया जाते हैं और जादू से SBI एक बिलियन डॉलर का लोन अडानी को देता है. प्रधानमंत्री फिर बांग्लादेश गए और 1500 मेगावाट बिजली का ठेका अडानी को चला जाता है. LIC का पैसा अडानी की कंपनी में क्यों डाला गया?
कुछ दिन पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई उसमें लिखा था अडानी की भारत के बाहर शेल कंपनी है, सवाल है कि शेल कंपनी किसकी है?हजारों करोड़ रुपया शेल कंपनी भारत में भेज रही है यह किसका पैसा है? क्या यह काम अडानी फ्री में कर रहा है?
अडानी ने BJP को 20 साल में कितने पैसे दिए? पहले मोदी अडानी के जहाज में जाते थे अब अडानी मोदी के जहाज में जाते हैं. मोदी और अडानी एक साथ काम करे हैं?
उन्होंने आगे कहा कि ‘अडानी’ पहले एक राज्य का मुद्दा था, फिर वह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया और अब यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है.