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‘यह भारत की नीति नहीं…’: खालिस्‍तानी आतंकी की हत्या की साजिश के आरोप पर भारत ने अमेरिका को दिया जवाब

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नई दिल्ली: अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा भारतीय नागरिक पर लगाए गए गंभीर आरोप के जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्‍पतिवार को दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरे मामले को भारत सरकार की नीति के उलट बताया है.

 

अरिंदम बागची ने अमेरिका के आरोपों पर कहा, “जहां तक ​​एक व्यक्ति के खिलाफ अमेरिकी अदालत में दायर मामले का संबंध है, उसे कथित तौर पर एक भारतीय अधिकारी से जोड़ा गया है, यह चिंता का विषय है. हमने कहा है कि यह सरकारी नीति के भी विपरीत है.”

 

उन्होंने कहा, कि अमेरिका में एक व्यक्ति की हत्या की साजिश में भारतीय अधिकारी का संबंध ‘चिंता का विषय’ है. साथ ही कहा कि नई दिल्ली ने आरोपों की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध, तस्करी, बंदूक चलाने और चरमपंथियों के बीच सांठगांठ कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक गंभीर मुद्दा है, और यही कारण है कि एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है. ये जांच समिति हमें निर्देशित करेगी कि आखिर माजरा क्‍या है.”

 

बता दें कि अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने एक भारतीय नागरिक पर एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है. दक्षिणी न्यूयॉर्क जिले के अमेरिकी अटॉर्नी मैथ्यू जी. ऑलसेन ने कहा कि निखिल गुप्ता (52) के खिलाफ हत्या के लिए सुपारी देने का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि साथ ही गुप्ता पर सुपारी देकर हत्या की साजिश रचने का भी आरोप है जिसमें भी अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है.

 

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि गुप्ता ने न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए हत्यारे को एक लाख अमेरिकी डॉलर देने की बात स्वीकार कर ली थी. आरोपों के अनुसार, ‘9 जून 2023 या उसके आसपास गुप्ता ने हत्या के लिए सुपारी दी थी, जिसके अग्रिम भुगतान के रूप में उन्होंने न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में हत्यारे को 15 हजार अमेरिकी डॉलर नकद देने के लिए एक सहयोगी की भी व्यवस्था की थी.’