नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से 25,000 तक बढ़ाने की परियोजना का शुभारंभ किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “अब तक 12,000 से ज्यादा पंचायतों तक मोदी की गारंटी वाली गाड़ी पहुंच चुकी है. करीब-करीब 30 लाख लोग उसका फायदा उठा चुके हैं, उसके साथ जुड़े हैं, बातचीत की है, सवाल पूछे हैं, अपने नाम लिखवाए हैं और जिन-जिन चीजों की जरूरत है उसका फॉर्म भर दिया है. सबसे बड़ी बात कि माताएं-बहनें बहुत बड़ी संख्या में मोदी की गारंटी वाली गाड़ी तक पहुंच रही हैं…”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…आपको ये जानकर पीड़ा होगी कि भारत की आधे से अधिक आबादी सरकारों से निराश हो गई थी. बैंक में खाता तक नहीं खुलता था. उसकी तो उम्मीदें ही खत्म हो गईं थीं. जो लोग हिम्मत जुटाकर, कुछ सिफारिश लगाकर स्थानीय सरकारी कार्यालय तक पहुंच जाते थे और थोड़ा बहुत आरती प्रसाद भी कर लेते थे, तब जाकर कुछ रिश्वत देने के बाद उनका काम हो पाता था. सरकारें भी हर काम में अपनी राजनीति देखती थीं. चुनाव नज़र आता था, वोट बैंक नज़र आता था और वोटबैंक की ही राजनीति करते थे. जिस क्षेत्र में उन्हें थोड़े बहुत वोट मिलते थे वहीं थोड़ा ध्यान दिया जाता था और इसलिए भारतवासियों को ऐसी माई-बाप सरकारों की घोषणाओं पर भरोसा कम ही हो पाता था.”
पीएम मोदी ने कहा, ‘पहले की सरकांरे भेदभाव से काम करती थी. हम सत्ता भाव से नहीं सेवा भाव से काम करते हैं. सभी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाना हमारा काम है. पहलें सरकारें खुद को जनता की माई-बाप समझती थीं. भारत अब रुकने वाला नहीं है. विश्व में भारत की ही बात हो रही है. जनता को भारत सरकार पर भरोसा है. पहले की सरकारों में जनता निराश हो चुकी थी. पहले की सरकारें हर काम में राजनीति देखती थीं.’