राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने बुधवार को जानकारी दी कि मुंबई शहर के डोंगरी इलाके में चार मंजिला केसरभाई इमारत के ढहने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है.
घटना में अब तक नौ लोग घायल हुए हैं.
एनडीआरएफ फिलहाल स्निफर डॉग्स की मदद से खोज और बचाव अभियान चला रहा है.
इस बीच, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये और घायलों के सभी चिकित्सा खर्चों का राज्य सरकार द्वारा वहन करने की घोषणा की है.
डोंगरी इलाके में टंडेल स्ट्रीट पर मंगलवार सुबह 11 बजे इमारत गिर गई, शुरुआत में दो व्यक्तियों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग उसके मलबे के नीचे फंस गए.
#WATCH Mumbai: A woman being rescued by NDRF personnel from the debris of the building that collapsed in Dongri, today. 2 people have died & 7 people have been injured in the incident. #Maharashtra pic.twitter.com/tmzV3Dmm7C
— ANI (@ANI) July 16, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमारत गिरने से लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है, जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
डोंगरी इमारत दुर्घटना के लिए विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है. राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि सरकार की लापरवाही के चलते लोगों की जान गई. उन्होंने कहा कि मुंबई में बारिश शुरु होते ही दुर्घटनाओं की श्रृखला शुरु हो जाती है. पाटील ने कहा कि विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान खतरनाक इमारतों में रहने वालों के पुनर्वसन का मसला हमनें सदन में उठाया था, लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.
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बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आयुक्त प्रवीण परदेशी ने घटनास्थल का दौरा किया और बचाव कार्यों का जायजा लिया.
बीएमसी ने दावा किया है कि उसने 2017 में इमारत को “सी 1 श्रेणी” में वर्गीकृत किया था. इस वर्गीकरण का मतलब था कि इमारत को “जल्द से जल्द विध्वंस के लिए खाली कर दिया जाना था.”
दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर मौजूद हैं. राहत बचाव कार्य जारी है. एनडीआरएफ के मुताबिक, संकरी गली होने के कारण बचाव कार्य में मुश्किलों का सामना करना पड़ा.