ये तो हम सब जानते है की भारत के कई राज्य इन दिनों भरी बारिश और बाढ़ के प्रकोप से त्रस्त है। मगर बीते दो दिन से ये प्रकोप अब मध्यप्रदेश भी पहुंच गया है। दरअसल यहाँ बीते 24 घंटों के दौरान हुई बारिश ने नदी-नालों को तो उफान पर ला ही दिया है, साथ ही कई स्थानों पर बाढ़ के हालात बना दिए हैं, गांव तो दूर यहाँ भी शहर और शहर के घर भी इस भारी वर्षा से अपने आप को नहीं बचा पाए।
बारिश के प्रकोप का आलम ये था कि राजधानी भोपाल के नजदीक तो एक परिवार को पेड़ पर ही रात गुजारना पड़ी है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। राज्य के बड़े हिस्से में बीते 24 घंटों से सामान्य से भारी और अति भारी बारिश हो रही है। इसके चलते नर्मदा, बेतवा, जामनी, सिंध, धसान जैसी नदियों का जलस्तर बढ़ा है, साथ ही तमाम जलाशयों (डैम) का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। इतना ही नहीं, नदी किनारे के गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
राजधानी के कोलार क्षेत्र के छान गांव में शुक्रवार की रात को अचानक पानी भरने से कई परिवार घिर गए। यहां के हरिनारायण को अपने दो बच्चों और गाय के बछड़े के साथ जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ना पड़ा। पूरी रात वे पेड़ पर ही रहे, शनिवार को एनडीआरएफ के राहत और बचाव दल की मदद से हरिनारायण और उसके दोनों बेटों को सुरक्षित निकाला जा सका।
राजधानी की निचली बस्तियों में भी पानी भर गया है। इसी तरह राज्य के अन्य हिस्सों के भी निचले इलाकों में जलभराव और नदी-नालों के उफान पर होने से जनजीवन प्रभावित होने की खबरें आ रही हैं। उज्जैन में तो क्षिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से रामघाट के कई मंदिर ही पानी में डूब गए हैं।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार की सुबह राज्य में हुई बारिश और बाढ़ के बनते हालात को लेकर अधिकारियों की बैठक बुलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री चौहान ने जिला मुख्यालय स्थित आपदा नियंत्रण केंद्र को 24 घंटे सक्रिय रखने के निर्देश दिए और सभी जिलाधिकारियों से कहा कि सभी बड़े बांधों एवं जलाशयों पर अमला पूरे समय अलर्ट की स्थिति में रहे।
प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मूसलाधार वर्षा हो रही है। आज मैंने बैठक कर व्यवस्थाओं और टीम को मुस्तैद रखने के निर्देश दिये हैं।
प्रदेश का कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेगा। हर जिले में आपदा नियंत्रण के लिए टीम तैयार है। कोई कठिनाई हो, तो सूचित करें; तत्काल मदद पहुंचेगी। pic.twitter.com/Mqunv8xumj
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 22, 2020
उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति में आपात राहत के लिए सभी उपयोगी उपकरण, खोज एवं बचाव दल आदि पूरी तरह तैयार और मुस्तैद रहे। इसके साथ ही जहां पानी भराव की स्थिति बनी हुई है, वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की व्यवस्था की जाए।
आज भोपाल में होमगार्ड और SDRF की रेस्क्यू टीम ने सजगता के साथ कार्य करते हुए बाढ़ के कारण फँसे करीब 85 नागरिकों और दो दर्जन से ज़्यादा मवेशियों को जीवित बचाया है।
मानवता की सेवा का यह अनूठा उदाहरण है।
मैं सभी जवानों के सेवाभाव को प्रणाम करता हूँ और उन्हें धन्यवाद देता हूँ।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 22, 2020
मुख्यमंत्री चौहान ने भी आम लोगों से अपील की है कि वे बारिश के कारण उन स्थलों पर जाने से बचें, जहां लोग मनोरम नजारा देखने के मकसद से जाते हैं।
प्रदेश में हो रही लगातार वर्षा से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों से बचाव के लिए अलर्ट रहें।
बाढ़ की स्थिति की सूचनाओं के आदान-प्रदान व समन्वय स्थापित करने के लिए जिला कलेक्टर अपने सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर के साथ सतत संपर्क में रहें। समस्त व्यवस्थाएं सुचारू रहें, सुनिश्चित हो।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 22, 2020
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में अनवरत बारिश का दौर जारी है। कई निचले हिस्सों में पानी भर गया है, जलभराव से कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। मुख्यमंत्री डूब क्षेत्र में आने वाले निचले इलाकों में तत्काल राहत व बचाव के कार्य शुरू कराएं, ताकि वहां रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।