मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लॉकडाउन के 84 दिन बाद आज धार्मिक स्थल खुल गए है। इसी के मद्देनज़र सीएम शिवराज सिंह चौहान भी सोमवार सुबह भोपाल के करुणाधाम आश्रम पहुंचे और भगवान के दर्शन किए। राजधानी में मंदिर तो खुल गए है मगर सुरक्षा के मायनों को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने कड़ी सावधानियाँ बरती है। सभी धर्मों के धर्म स्थल खुले तो पूजा-अर्चना, आरती व देव दर्शन से लेकर श्रद्धालुओं के प्रवेश का तरीका सबकुछ बदला-बदला रहा। देव दर्शन गोल घेरे में खड़े होकर ही हो पाए। मंदिरों में भक्तों को घंटी बचाने और फूलमाला-चुनरी, प्रसादी चढ़ाने की अनुमति नहीं है। वहीं मस्जिदों में नमाज तो हुई, लेकिन सभी के बीच फासदा रखा गया। चादर चढ़ाने की भी अनुमति नहीं है। नमाज पढ़ने के लिए लोग घर से ही वुजू करके आए। यही सुरक्षित दूरी की तस्वीर गुरुद्वारों व चर्चों में दिखाई दी।
#मध्य_प्रदेश: भोपाल में 84 दिनों के बाद आज सभी धार्मिक स्थलों को फिर से खोला गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल के करुणाधाम आश्रम में पूजा-अर्चना की।@ChouhanShivraj pic.twitter.com/dnp0SD2Dmb
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) June 15, 2020
राजधानी में मौजूद बिरला मंदिर फिर खुल गया है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि सभी सरकारी दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है। हमने मंदिर में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के लिए फेस पर मास्क लगाना अनिवार्य किया है। बता दें कि देश में इस वक्त लॉकडाउन का पांचवा चरण चल रहा है। ऐसे में देश में सरकार की तरफ से आठ जून को सभी धार्मिक स्थल खोलने की इजाजत मिल गई थी। देशभर में आठ जून के अलग-अलग राज्यों में लगभग सभी धार्मिक स्थलों को भी खोलने की इजाजत दी गई थी। मध्यप्रदेश में कुल कोरोना से ग्रसित मरीज़ों की संख्या 10,641 है तो वही मरने वालों का आकड़ा 447 हो गया है।
पूजा स्थलों पर किन–किन नियमों का करना होगा पालन।
प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने दिशा निर्देश भी जारी कर दिए है।
धार्मिक प्रतिष्ठानों/पूजा स्थलों पर #COVID19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 4 जून 2020 को जारी एस.ओ.पी. के अनुपालन में संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्यप्रदेश द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। #MPFightsCorona pic.twitter.com/E7tr2PIw4h
— Ministry of Health, MP (@healthminmp) June 5, 2020
मंदिर प्रशासन को बरतनी होगी ये सावधानियां।
प्रवेश द्वार पर हैंड हाईजीन के लिए सैनिटाइजर, डिस्पेंसर और थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो।
- लक्षण रहित व्यक्तियों (सर्दी, खांसी, बुखार आदि न होने पर) को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी।
- मॉस्क या फेस कवर पहने होने पर ही प्रवेश की अनुमति रहेगी।
- कोविड-19 संक्रमण से बचाव संबंधी प्रसार सामग्री का प्रदर्शन प्रमुखता से किया जाए।
- ऑडियो एवं वीडियो क्लिप द्वारा बचाव संबंधी सावधानियों का बार-बार प्रसारण सुनिश्चित करना होगा।
- आगंतुकों को जूते, चप्पल स्वयं के वाहन में रखकर आना होगा, जरूरत होने पर वह खुद ही अलग स्थान पर रखेंगे।
- परिसर के बाहर एवं पार्किंग एरिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करना संचालकों के लिए अनिवार्य होगा।
- परिसर के अंदर अथवा बाहर संचालित दुकान, स्टॉल, कैफेटेरिया में सोशल डिस्टेंसिंग का 24 घंटे पालन करना होगा।
- संचालकों को सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए लाइन में गोले के निशान बनवाने होंगे। प्रवेश के लिये कतार में कम से कम 6 फीट की दूरी रखनी होगी।
- धार्मिक प्रतिष्ठानों में प्रसाद, चरणामृत, छिड़काव आदि का वितरण वर्जित रहेगा। चढ़ावा केश के रूप में न दें अपितु डिजिटल ट्रांसफर ऑफ मनी को प्राथमिकता दें।
- मंदिर में घंटी बजाने, फूल, नारियल, अगरबत्ती, चादर आदि चढ़ाने की अनुमति न दी जाए। प्रार्थना के चटाई-कालीन या जाजम न बिछाई जाए।
- श्रद्धालु स्वयं अपना कपड़ा लाएं, सामुदायिक रसोई, लंगर, अन्नदान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा।
- धार्मिक प्रतिष्ठान द्वारा परिसर की बार-बार सफाई और डिस्न्फेक्टेड किया जाना जरूरी होगा।
- कर्मचारियों और पूजा स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा छोड़े गए मॉस्क का समुचित निपटान करना होगा।