भारतीय वायु सेना ने शनिवार को अमेरिका के एरिज़ोना में अपना पहला अपाचे गार्जियन अटैक हेलीकॉप्टर प्राप्त किया. भारत ने सितंबर 2015 में ऐसे 22 हेलिकॉप्टरों के लिए अमेरिका के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे.
अपाचे गार्जियन अटैक हेलीकॉप्टरों का पहला जत्था जुलाई में भारत भेजा जाएगा. अमेरिकी सेना में अपाचे हेलीकॉप्टर 1986 में शामिल किया गया था.
#ApacheInduction: First AH-64E (I) Apache Guardian helicopter was formally handed over to the IAF at Boeing production facility in Mesa, Arizona, USA on 10 May 19. Air Mshl AS Butola, represented the IAF & accepted the first Apache in a ceremony at Boeing production facility. pic.twitter.com/FzA0IfRine
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 11, 2019
भारतीय वायु सेना का प्रतिनिधित्व करने वाले एयर मार्शल एएस बुटोला ने एक औपचारिक समारोह में पहला अपाचे हेलीकाप्टर स्वीकार किया, जिस दौरान अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधि भी मौजूद थे.
एएच -64 ई (आई) हेलीकॉप्टर को भारतीय वायु सेना में सम्मिलित करने को भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर बेड़े के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जाता है.
The addition of AH-64 E (I) helicopter is a significant step towards modernisation of IAF’s helicopter fleet. The helicopter has been customized to suit IAF’s future requirements and would have significant capability in mountainous terrain. pic.twitter.com/prN3vjx4dH
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 11, 2019
पहला अपाचे गार्जियन अटैक हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है और पहाड़ी इलाकों में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी. 5,165 किलो वज़न वाले इस हेलीकाप्टर में दो पायलट के बैठने की जगह बनाई गयी है.
डेटा नेटवर्क के माध्यम से हथियार प्रणालियों से युद्ध के मैदान को संचारित करने और प्राप्त करने की इनकी क्षमता इन हेलीकॉप्टरों को एक घातक अधिग्रहण बनाती है.
ये हेलीकॉप्टर भूमि सेना के समर्थन में भविष्य के संयुक्त अभियानों में एक महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करेंगे. अपाचे हेलीकाप्टर को भारत-चीन सेना पर सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.