उत्तराखंड हाईकोर्ट के चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटाने के बाद सीएम पुष्कर धामी ने फैसला लिया है कि कोरोना नियमों का पालन करते हुए 18 सितंबर से यात्रा शुरू की जाए। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कहर के चलते और भक्तों की सुरक्षा को देखते हुए चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी गई थी जिसका अब फिर से इसका शुभारंभ होने जा रहा है।
ढाई महीने के गतिरोध के बाद बीते दिन उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दी थी मंज़ूरी।
गौतलब है कि करीब ढाई महीने के गतिरोध के बाद चार धाम यात्रा पर लगी रोक बीते दी ही हटी है। सबसे पहले यह भी बता दे कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को शुरू करने को लेकर सरकार द्वारा दायर शपथपत्र पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अपने 28 जून के निर्णय से यात्रा पर लगाई गई रोक को हटाते हुए सरकार को कोविड के नियम का पालन करते हुए प्रतिबंध के साथ चारधाम यात्रा शुरू करने के आदेश बीते दिन ही दिए हैं।
इन नियमों का करना होगा पालन।
🛑हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक बद्रीनाथ धाम में 1200 भक्त या यात्रियों, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों के लिए इजाज़त दी गई है।
🛑साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक धाम पर पहुंचने वाले हर भक्त या यात्री के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन के दोनों डोज़ का सर्टिफिकेट भी अनिवार्य किया है।
🛑धामों में दर्शन करने के लिए यात्रियों को सबसे पहले देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा।
🛑 राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर भी अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा।
🛑यही नहीं, हाईकोर्ट ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी ज़िलों में ज़रूरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाने को कहा है।
🛑साथ ही निर्देश हैं कि भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।
कोविड की वजह से चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी।
बता दे हाईकोर्ट ने 26 जून को कोविड की वजह से चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की थी, लेकिन पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली थी।