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फैक्ट चेक: 2 साल पुरानी हिंसक झड़प का वीडियो लैम्पेडुसा में आये प्रवासी संकट से जोड़ कर किया गया शेयर

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इटली के द्वीप लैम्पेडुसा उत्तरी अफ्रीका से आने वाले लोगों के लिए एक एंट्री पॉइंट रहा है और यूरोप के प्रवासन संकट में एक लंबे समय से हॉटस्पॉट रहा है। हाल ही में लैम्पेडुसा में करीब 7,000 प्रवासियों के आने की वजह से द्वीप की आबादी में बढ़ोतरी आयी है। इस अचानक उछाल से स्थानीय राजनेताओं को आपातकालीन सहायता लेना पड़ा।

अब इसी से जुड़ा एक वीडियो इंटरनेट पे वायरल हो रहा है। वीडियो में पुलिस और युवकों के एक समूह के बीच टकराव देखा जा सकता है। इस वीडियो को द्वीप पर पुलिस और प्रवासियों के बीच हाल ही में हुई झड़प का बता कर शेयर किया गया।

एक फेसबुक यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “इटली में, लैम्पेडुसा द्वीप पर प्रवासियों और पुलिस के बीच सीधी झड़प शुरू हुई। अवैध अप्रवासी काराबेनियरी पर पत्थर फेंकते हैं और मांग करते हैं कि उन्हें यूरोप भेजा जाए। सेना कहाँ है?”

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

इसे फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर किया गया |

फैक्ट चेक

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल दावा भ्रामक है। दरअसल वीडियो 2021 का है और प्रवासी संकट से जुड़ा नहीं है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले रिवर्स सर्च के साथ कुछ कीवर्ड की मदद से खोजा।इस दौरान हमे एक इटालियन वेबसाइट की 07 सितम्बर 2021 की रिपोर्ट मिली जिसमे वीडियो के स्टिल्स को देखा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार घटना इटली के पेसारो ई उरबिनो प्रांत के मरोटा डि मोंडोल्फो की है। इस हिंसक विवाद में मरोटा के मिउ क्लब में एक संगीत कार्यक्रम से बाहर निकल रहे दर्जनों युवा शामिल थे। झगड़ा एक युवा अल्बानियाई व्यक्ति और सेनेगल के एक व्यक्ति के बीच शुरू हुआ जोबाद में काफी हिंसक हो गया। लड़ाई इतनी बढ़ गयी की एक लड़के ने दूसरे लड़के को चाकू मार दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक झगड़ा ड्रग्स से जुड़ा था।

आगे पड़ताल में हमे ये वीडियो 07 सितम्बर 2021 की फेसबुक पोस्ट में मिली जिसमे वायरल वीडियो को देखा जा सकता है। कैप्शन के मुताबिक, घटना इटली के मैरोट्टा डी मोंडोल्फो का है और इस घटना में 4 लोगो को गिरफ्तार भी किया गया था।

हमारी पड़ताल में हमने पाया की वीडियो 2021 में इटली के मैरोट्टा डी मोंडोल्फो में हुई एक घटना का है, और इसका हाल में लैम्पेडुसा में हुए प्रवासी संकट से कोई संबंध नहीं है।