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फैक्ट चेक: मीरा रोड में हुई झड़प से नहीं कोई संबंध, सहारनपुर में हुए प्रदर्शन के वीडियो को सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ किया गया वायरल

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फैक्ट चेक: मीरा रोड में हुई झड़प से नहीं कोई संबंध, सहारनपुर में हुए प्रदर्शन के वीडियो को सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ किया गया वायरल

 

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल रहा है। वीडियो की शुरुआत में कुछ लोगों एक जेल की सलाखों के पीछे बंद देखा जा सकता है, वहीं बाद में कुछ पुलिस कर्मियों को एक बंद कमरे में कुछ लोगों पर लाठी बरसाते हुए नज़र आरही है। इसी वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है मीरा रोड पर हुई हिंसा में इन लोगों को पकड़ा गया जिसके बाद पुलिस ने इनपर कार्रवाई की।

फेसबुक पर वायरल वीडियो शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि “मीरा रोड वालों को अब समझ आया होगा शायद , वैसे तो गीदड़ों की तरह झुंड में दंगा कर लेते हैं , जब डंडे पड़ते हैं तो मोये मोये हो जाती

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

 

फैक्ट चेक:

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो का मीरा रोड में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है।  

दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से पहले महाराष्ट्र के मुंबई से सटी मीरा भायंदर पुलिस थाना क्षेत्र के तहत आने वाले इलाके में दो समुदायों के बीच झड़प हुई। जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों ने कथित तौर पर पटाखे फोड़े, जिसके बाद स्थानीय लोगों का एक समूह लाठी-डंडे लेकर बाहर निकल आया। उनकी रैली में शामिल लोगों से बहस हुई और उन्होंने उनके वाहनों पर हमला कर दिया। इसके बाद वहां वाहनों में सवार लोगों से मारपीट भी की गयी। इसी के बाद पुलिस ने हिंसा और उपद्रव फ़ैलाने वाले लोगों ने दण्डात्मक कार्रवाई की।

इसी घटना के बाद सोशल मीडिया पर उक्त वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो को देखने पर हमें इसके पुराने होने की आशंका हुई। जिसके बाद हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान हमने गूगल पर वायरल वीडियो को कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया।

खोज के दौरान हमें ट्विटर पर एक पोस्ट मिला जहां वायरल वीडियो को अपलोड किया गया था। गौरतलब है कि उक्त पोस्ट को ट्विटर पर जून 11, 2022 को अपलोड किया गया था। यहाँ जानकारी दी गयी कि यह वीडियो सहारनपुर का है, जहां जुमे के नमाज़ के बाद बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन करने वाले 48 लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया था।

 

पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें गूगल पर आजतक की वेबसाइट वायरल वीडियो से संबंधित एक लेख मिला। जिसे जून 15, 2022 को प्रकाशित किया गया था। यहाँ पर दी गयी जानकारी के मुताबिक सहारनपुर में 10 जून को जुमे की नमाज़ के बाद मस्जिद से लेकर घंटाघर तक प्रदर्शन व नारेबाज़ी की गयी थी। उसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा लिखकर गिरफ़्तारियां की थी।

 

पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2022 के दौरान का है। साथ ही यह वीडियो मुंबई के मीरा रोड का नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के सहरानपुर का है।