किसानों के बारे में एक असंवेदनशील टिप्पणी की अखबारों की एक कटिंग (कतरन) सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। अखबार की कटिंग में लिखा है कि महाराष्ट्र के एक भाजपा सांसद ने कहा कि अगर “किसानों को मरना है तो मरने दो”।
अखबार की हेडलाइन में लिखा है, “मरते है तोह मर दो किसानों को”।
(Translation: “Let farmers die if they wanted to”)
फेसबुक के कैप्शन में लिखा है, “किसानों के प्रति BJP नेताओं की सोच।। #FarmersProtest”
(Translation: “BJP leaders’ thinking about farmers. #FarmersProtest”)
इसी तरह के अन्य पोस्ट आप यहां, यहां, यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते है।
फैक्ट चेक :
न्यूज़मोबाइल ने उक्त पोस्ट की जाँच की और पाया कि यह पुरानी और भ्रामक है।
कीवर्ड की मदद से, हमे द न्यूज़ मिनट द्वारा दिनांक 31 दिसंबर, 2014 का एक समाचार लेख मिला, जिसमें दावा किया गया था कि महाराष्ट्र के अकोला से बीजेपी सांसद ने कहा है कि, ‘अगर किसान मर रहे हैं, तो उन्हें मरने दो’।
इसके अलावा, हमे 30 दिसंबर, 2014 को महाराष्ट्र टाइम्स द्वारा एक अन्य समाचार लेख भी मिला, जिसमें दावा किया गया कि भाजपा सांसद संजय धोत्रे ने एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये कह के विवाद खड़ा कर दिया कि किसानों को मरना है तो मरने दो।
आगे और जांच करने पर, हमें टाइम्स नाउ द्वारा दिनांक 13 दिसंबर, 2014 को एक और रिपोर्ट मिली। YouTube विवरण में लिखा गया था, ‘पिछले 72 घंटों में, महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में 12 किसानों ने आत्महत्या की है, और फिर भी अकोला के भाजपा सांसद संजय धोत्रे, जो दावा करते है कि उनकी लड़ाई सिर्फ किसानों के लिए है, उन्होंने राजस्व मंत्री की उपस्थिति में किसानों का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि, “उन्हें मरने दो”।
यहाँ सुने उनकी असंवेदनशील टिप्पणी को।
अन्य मीडिया संगठनों जैसे डेक्कन क्रॉनिकल, द हिंदू और एनडीटीवी ने भी ऐसी रिपोर्ट की थी जिसमें लिखा गया था कि भाजपा सांसद संजय धोत्रे ने 2014 में किसानों के बारे में असंवेदनशील टिप्पणी की थी।
इसीलिए हम दावा कर सकते है कि सोशल मीडिया पर न्यूज़ पेपर की ये कटिंग पुरानी है और अभी भ्रामक करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है।
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