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फैक्ट चेक: क्या चरवाहा चराने वाली ये लड़की बड़ी होकर बनी फ्रांसीसी शिक्षा मंत्री? जानें सच

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फ्रांस की पूर्व शिक्षा मंत्री, नजत वलौद-बेलकेसम (Najat Vallaud-Belkacem) और एक छोटी चरवाहे लड़की की एक तस्वीर का कोलाज सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल है।

तस्वीर के साथ कैप्शन में दावा किया गया है कि कोलाज के बाईं ओर छोटी लड़की कोई और नहीं बल्कि फ्रांस की पूर्व शिक्षा मंत्री नजत वलौद-बेलकेसम है और ये उनकी 20 साल पहले की तस्वीर है।

इस पोस्ट का लिंक आप यहाँ देख सकते है।

ऐसे ही पोस्ट आप यहाँ और यहाँ देख सकते है।

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फैक्ट चेक :

न्यूज़मोबाइल ने इस पोस्ट की जांच की और पाया कि ये फेक है।

न्यूज़मोबाइल ने सबसे पहले कीवर्ड का उपयोग करके गूगल खोज पर इस खबर की प्रामाणिकता की जाँच की। कीवर्ड सर्च के दौरान हमे अलग – अलग सालों की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिली जिसमें इसी वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था।

हालांकि, जब हमने छोटी लड़की की छवि को रिवर्स इमेज सर्च के माध्यम से खोजा, तो हमें कुछ अलग मिला। मेटाडाटा पर एक खोज से हमे पता चला कि ये तस्वीर यूनिसेफ की थी।

इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा हुआ था: “आठ वर्षीय फौजिया (Fouzia) अल हौज प्रांत (Al Haouz Province) के ग्रामीण जिले इगुएफेरोफाने (Iguerferouane) के तमेझागेटे गांव (Tamezaghete Village) में भेड़ों के झुंड के सामने एक पत्थर पर बैठी हुई है। फौज़िया ने एक साल तक स्कूल में पढ़ाई की, लेकिन उसके बाद उसे स्कूल छोड़ना पड़ा क्योंकि उसके माता-पिता उसकी किताबें नहीं खरीद सकते थे यानी किताबे खरीदने में असक्षम थे। 2006 में मोरक्को में, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हो रहा है। यहाँ गरीबी दर लगभग 15 प्रतिशत है जिसमें से गरीबी में रहने वाले दो तिहाई लोग ग्रामीण क्षेत्रों से है। MENA क्षेत्र में राष्ट्र की बाल श्रम दर (Child Labour Rate) सबसे अधिक है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक 7 से 14 साल की उम्र के 11 प्रतिशत बच्चे किसी न किसी रूप में श्रम यानी किसी काम से जुड़े रहते हैं, जो उन्हें स्कूल जानें से वंचित रखता है।”

तस्वीर को फोटोग्राफर जियाकोमो पिरोजि (Giacomo Pirozzi) ने क्लिक किया था।

तस्वीर के कैप्शन के आधार पर हम ये दावा कर सकते है कि तस्वीर में दिख रही छोटी लड़की फ्रांस की शिक्षा मंत्री नजत नहीं है, बल्कि फौजिया (Fouzia) हैं. हालांकि नजत वलौद-बेल्केम का जन्म 4 अक्टूबर 1977 को मोरक्को के ग्रामीण रिफ क्षेत्र में हुआ था। लेकिन एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा था कि वह चार साल की उम्र में यानी 1982 में फ्रांस चली गई थी और उनके पिता निर्माण क्षेत्र में काम करने के लिए 1975 में ही फ्रांस चले गए थे।

2013 में एक रेडियो इंटरव्यू में उन्होंने अपने जीवन से जुड़े संघर्षों के बारें में ज़रूर बताया है लेकिन उसमे भी इस बात का ज़िक्र नहीं है कि वो बचपन में भेड़ चराने जाती थी।

इसके अलावा यूनिसेफ के एक प्रवक्ता ने एक फैक्ट चेकिंग वेबसाइट “स्नोप्स” को भी वायरल तस्वीर का ओरिजिनल फोटो फैक्ट चेक के लिए भेजा था। “स्नोप्स” ने भी इस वायरल दावे को सिरे से खारिज कर दिया था।

इतनी जानकारी से हम दावा कर सकते है कि तस्वीर में एक छोटी चरवाहे वाली लड़की फ्रांस कि पूर्व शिक्षा मंत्री नजत वलौद-बेलकेसम (Najat Vallaud-Belkacem) नहीं है और ये पोस्ट फेक है।

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