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ज्ञानवापी के कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग का फैसला आज, जानिए क्या होता है कार्बन डेटिंग

ज्ञानवापी मस्जिद: फाइल फोटो
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ज्ञानवापी के कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग का फैसला आज, जानिए क्या होता है कार्बन डेटिंग

 

बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर को आज वाराणसी की जिला अदालत फैसला सुनाएगी। इससे पहले अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 11 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें इससे पहले 12 अक्टूबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन वकील की मौत के कारण सुनवाई टल गई थी। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए आज यानी 14 अक्टूबर शुक्रवार को तय की थी।

गौरतलब है कि ज्ञानवापी के वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को हिंदू पक्ष आदिविशेश्वर कह रहा है तो वहीं मुस्लिम पक्ष मात्र इसे एक फव्वारा बता रहा है। इसी को प्रमाणित करने के लिए हिंदू पक्ष वजूखाने में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग कर रहा है।

क्या है कार्बन डेटिंग: 

यह एक वैज्ञानिक जांच प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से 50,000 साल पुराने अवशेष का भी पता लगाया जा सकता है। कार्बन डेटिंग को रेडिया कार्बन डेटिंग भी कहा जाता है। दावा किया जाता है कि इसके माध्यम से जीवाश्म या पुरातत्व संबंधी चीजों की सही उम्र का पता लगाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है, ये भी उसकी अनुमानित आयु बताता है। माना जाता है कि हर पुरानी चीज पर समय के साथ कार्बन के तीन आइसोटोप आ जाते हैं। जो पृथ्वी की प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण होते हैं। यह कार्बन-12, कार्बन-13 और कार्बन-14 हैं।  कार्बन-14 से ही डेटिंग विधि को काम में लाया जाता है। मालूम हो कि यदि कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराई गई तो निश्चित तौर इसे खुरचा और तोड़ा जाएगा और तब ये आकार खंडित हो जाएगा।