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Covishield Vaccine मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, वैक्सीन के साइड इफेक्ट की जांच के लिए मेडिकल एक्सपर्ट पैनल की मांग

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक अर्जी दायर की गई जिसमें कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों की जांच के लिए एक चिकित्सा विशेषज्ञ पैनल बनाने का निर्देश जारी करने की मांग की गई. यह याचिका वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने अदालत से उन नागरिकों के लिए टीका क्षति भुगतान प्रणाली स्थापित करने के लिए केंद्र को निर्देश जारी करने का भी आग्रह किया है जो COVID-​​​​19 के दौरान टीकाकरण अभियान के परिणामस्वरूप गंभीर रूप से अक्षम हो गए हैं.

 

याचिका में, कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों और इसके जोखिम कारकों की जांच करने और वैक्सीन से हुए नुकसान का निर्धारण करने के लिए केंद्र  को निर्देश जारी करने की भी मांग की गई है. इतना ही नहीं इस याचिका में ये भी साफ तौर पर कहा गया है कि जो लोग इस वैक्सीन को लगाने की वजह से अक्षम हो गए हैं या जिनकी मौत हो गई है उन्हें मुआवजा देने का निर्देश दिया जाए.

 

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन ‘कोविशील्‍ड’ (Covishield) बनाने वाली कंपनी एस्‍ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने स्‍वीकार किया था कि जिन लोगों ने कोरोना के दौरान कोविशील्ड वैक्सीन ली है उनमें रेयर साइड इफेक्‍ट हो सकते हैं. द टेलीग्राफ (यूके) की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया था कि उसकी कोविड वैक्सीन के रेयर साइड इफेक्‍ट हो सकते हैं. वैक्सीन निर्माता ने अदालती दस्तावेज़ों में कहा था कि कोविशील्ड, दुर्लभ मामलों में एक ऐसी स्थिति का कारण बन सकती है, जिससे खून के थक्के जम सकते हैं और प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है.

 

अधिवक्ता विशाल तिवारी ने कहा कि भारत में कोविशील्ड की 175 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं. वकील तिवारी ने अर्जी में कहा कि कोविड-19 के बाद दिल का दौरा पड़ने और अचानक बेहोश होने से लोगों की मौत के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.

 

आवेदन में लिखा है, “युवाओं में भी दिल का दौरा पड़ने के कई मामले सामने आए हैं. अब, कोविशील्ड के डेवलपर द्वारा यूके की अदालत में दायर किए गए दस्तावेज़ के बाद, हम कोविशील्ड वैक्सीन के जोखिम और खतरनाक परिणामों के बारे में सोचने के लिए मजबूर हैं, जिसे बड़ी संख्या में नागरिकों को दिया गया है.”