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जानिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर दी गयी स्टार रेटिंग का क्या होता है मतलब, जानिए क्या होती है बीईई रेटिंग

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जानिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर दी गयी स्टार रेटिंग का क्या होता है मतलब, जानिए क्या होती है बीईई रेटिंग

 

आजकल जब भी लोग बाजार से एसी, फ्रिज या गीज़र जैसे बिजली से चलने वाले उपकरण खरीदते हैं तो हमेशा स्टार रेटिंग देखकर ही खरीदते हैं। कई लोग कहते हैं एक स्टार का एसी दो स्टार वाले एसी से ज्यादा बिजली की खपत करता है और पांच स्टार का एसी सबसे कम बिजली की खपत करता है। तो ऐसे में लोगों को इन स्टार रेटिंग की अहमियत क्या है यह बताना बहुत जरुरी है।

क्या होता है स्टार रेटिंग

दरअसल, यह रेटिंग्स एनर्जी एफिशियंसी के फॉर्मूले पर काम करती हैं। इन उपकरणों में 01 स्टार से लेकर 05 स्टार तक की रेटिंग होती है। यह स्टार बताते हैं कि अमुक बिजली का उपकरण ऊर्जा बचत कैसी होगी यह जानकारी देते हैं। उत्पादों की ऊर्जा दक्षता यानि ऊर्जा बचत की क्षमता जितनी ज्यादा होगी, तारों की संख्या उतनी ही अधिक होगी। फिलहाल 01 स्टार से लेकर 05 स्टार के बीच की रेटिंग दी जाती है।

क्या है 01 स्टार से 05 स्टार तक का मतलब

गौरतलब है कि सबसे अच्छे उपकरण को 5 स्टार ऊर्जा लेबल मिलता है। सबसे कम प्रदर्शन वाले लोगों को 2 स्टार लेबल मिलता है। 01 स्टार का मतलब है कि दक्षता में सुधार के लिए कुछ नहीं किया गया है। संभव है कि 05 स्टार उत्पाद की कीमत ज्यादा हो लेकिन ये कुछ समय बाद अपनी ज्यादा कीमत के बदले ज्यादा उर्जा की बचत करके दिखाता और आपके ज्यादा पैसे बचाता है।

कौन जारी करता है यह स्टार रेटिंग

यह स्टार रेटिंग भारत सरकार की एजेंसी ‘ऊर्जा दक्षता ब्यूरो’ यानी Bureau of Energy Efficiency (BEE),जारी करती है। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफीसिएंसी (BEE) देश में यही काम करता है यह लगातार तमाम कंपनियों के उत्पाद मॉडलों की स्टार रेटिंग तय करती है। इसे 1 मार्च 2002 को भारत सरकार द्वारा ऊर्जा संरक्षण (Energy Conservation Act) अधिनियम 2001 के तहत स्थापित किया गया था।हैं। भारत सरकार ने मानक और लेबलिंग कार्यक्रम क़े अंतर्ग्रत ऊर्जा स्टार लेबल वाले उपकरणों की निगरानी, ​​पंजीकरण और सत्यापन के लिए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की स्थापना की थी।