बिहार में अभी भी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण मुजफ्फरपुर जिले में बच्चों की मौत देखी जा रही है. भारतीय युवा कांग्रेस और बिहार कांग्रेस इकाई के सदस्यों ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के आवास के पास प्रदर्शन किया.
हर्षवर्धन और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग करते हुए, प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए. बाद में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
Muzaffarpur Acute Encephalitis Syndrome (AES) deaths: Indian Youth Congress and #Bihar Congress unit protested near Union Health Minister Dr.Harsh Vardhan’s residence in Delhi. Protesters later detained by Police pic.twitter.com/sovCKnqrFD
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) June 27, 2019
मुंबई यूथ कांग्रेस के प्रमुख सूरज ठाकुर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा,“सरकार सो रही है. यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सो रहे हैं. कम से कम बच्चों की खातिर, उन्हें अपने घर से बाहर आना चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. यह एक शर्मनाक घटना है.”
उन्होंने आगे कहा ,“नीतीश कुमार भी इस मुद्दे पर चुप हैं. घटना के बारे में पूछे जाने पर वह मीडिया से बात भी नहीं करते हैं. नीतीश कुमार और हर्षवर्धन को इस्तीफा देना चाहिए.”
अधिकारियों ने कहा कि चमकी बुखार के कारण मुजफ्फरपुर जिले में मौत का आंकड़ा 132 हो गया है.
ALSO READ: वित्त मंत्री की भूमिका में पहला बजट पेश करने से पहले निर्मला सीथारमन ने की मनमोहन…
श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH), जो जिले में सबसे अधिक रोगियों को संभाल रहा है, ने 111 मौतों की सूचना दी, जबकि केजरीवाल अस्पताल में 21 मौतें हुईं है.
बिहार सरकार ने चमकी बुखार के कारण मरने वाले बच्चों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और डॉक्टरों को रोग की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय करने का भी निर्देश दिया गया था.
इंसेफेलाइटिस से हुई मौतों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण और देश के लिए शर्म की बात’ बताया था.