पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस को लेकर लापरवाही की कई घटनाएं सामने आ रही हैं. मगर हाल फिलहाल कोलकत्ता की घटना ने सारी हदें पार कर दी। जानकारी के मुताबिक कोलकाता में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 71 वर्षीय बुजुर्ग की मौत के बाद परिवार वाले शव को आइस्क्रीम फ्रीजर में रखने के लिए मजबूर हो गए. इसके लिए परिवार वालों को आइस्क्रीम फ्रीजर तक खरीदना पड़ा। करीब 48 घंटे तक शव को फ्रीजर में रखने के बाद बुधवार को अंतिम संस्कार की खातिर शव लेने के लिए स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा.
दरअसल, यह बुजुर्ग व्यक्ति कोलकाता के एमहर्स्ट स्ट्रीट पर एक अपार्टमेंट के टॉप फ्लोर पर अपनी पत्नी के साथ रहता था. वह पिछले कुछ दिनों से बुखार और खांसी से पीड़ित था. सोमवार को बुजुर्ग व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होने लगी, जिसके बाद उनका बेटा उन्हें एक निजी अस्पताल ले गया, जहां उन्हें कोविड-19 टेस्ट कराने का सुझाव दिया गया. एक स्थानीय डायग्नोस्टिक सेंटर में कोविड-19 का टेस्ट कराने के बाद, जब बुजुर्ग व्यक्ति को घर लाया गया तो उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई और दोपहर करीब 3 बजे घर में उनकी मौत हो गई.
बुजुर्ग की मौत के बाद परिवार ने पहले एक डॉक्टर को बुलाया, लेकिन उसने कोविड-19 रिपोर्ट न आने के कारण डेथ सर्टिफिकेट जारी करने से इनकार कर दिया. डॉक्टर ने कहा कि डेथ सर्टिफिकेट तब तक जारी नहीं किया जा सकता है जब तक कि मृतक की कोविड-19 रिपोर्ट नहीं आ जाती.
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परिवार ने कोलकाता के कई मुर्दाघरों का दौरा किया, लेकिन कोई भी शव रखने के लिए तैयार नहीं था. परिवार का कहना है कि उन्होंने पुलिस को भी फोन किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. इस बीच शव सड़ना शुरू हो गया, जिसके बाद परिवार को एक आइस्क्रीम फ्रीजर खरीदना पड़ा और शव को उसके भीतर करीब 48 घंटे तक रखना पड़ा .
रिपोर्ट आने के बाद परिवार वालों ने फिर से स्थानीय पुलिस स्टेशन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सूचित किया. जिसके बाद उन्हें आश्वासन दिया गया कि जल्द ही उनकी मदद की जाएगी, लेकिन प्रशासन के अधिकारी बुधवार की दोपहर पीड़ित परिवार के घर पहुंचे. मौत के करीब 48 घंटे बाद बुजुर्ग के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया .