देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अनलॉक 3.0 लागू हो गया है, लेकिन कुछ राज्यों ने अपने हालातों को देखते हुए अभी भी लॉक डाउन लगा दिया है। अब ऐसी स्तिथि में ज़रूरी सामानों की सप्लाई में और लोगों के आने-जाने में किसी तरह की बाधा या तकलीफ उत्पन्न न हो इसीलिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। केंद्र ने सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि अनलॉक प्रक्रिया के तहत अंतरराज्यीय और राज्य के अंदर लोगों और वाहनों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को दिए निर्देश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि ऐसी खबरें मिल रही थीं कि राज्यों के अंदर आवाजाही के लिए विभिन्न जिलों और राज्यों द्वारा स्थानीय प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा सभी राज्य मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में लिखा गया है कि अंतरराज्यीय और राज्य के अंदर लोगों और वाहनों की आवाजाही पर स्थानीय स्तर पर (लोकल स्तर पर ) प्रतिबंध आपूर्ति श्रृंखलाओं यानी (सप्लाई चैन) को प्रभावित कर रहा है जिसके वजह से आर्थिक गतिविधि (Financial Activities)और रोजगार (Employment) में दिक्कतें (Problems) हो रही और ऐसी स्तिथि में आम जनता को ही परेशानियां उठानी पड़ती है।
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ये भी लिखा है पत्र में –
- केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि ‘अनलॉक’ के दिशा-निर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि व्यक्तियों या सामान के अंतरराज्यीय और राज्यों के भीतर आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
- दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि पड़ोसी देशों के साथ समझौते के तहत सीमा पार व्यापार के लिए व्यक्तियों या सामान के आवागमन के वास्ते अलग से अनुमति, मंजूरी या ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी।
- ऐसे प्रतिबंध आपदा प्रबंधन कानून 2005 के प्रावधानों के तहत गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के समान हैं।
- पत्र में अनुरोध किया गया है कि कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि अनलॉक दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।