केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भारत के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जैटली की पहली पुण्यतिथि पर आज छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्रालय ने अब 40 लाख रुपये तक के सालााना कारोबार करने वाले व्यापारियों को जीएसटी से मुक्त कर दिया है। इससे पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘अब, 40 लाख रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी जीएसटी से मुक्त हैं।
यानी अब 40 लाख रुपये तक की सालाना कमाई करने वाले कारोबारियों को जीएसटी से छूट मिलेगी। शुरुआत में यह सीमा 20 लाख रुपये थी। इसके अतिरिक्त, 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले कारोबारी कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और केवल भुगतान कर सकते हैं।’
For smaller taxpayers with an annual turnover of up to Rs 5 cr, the rate of interest for late filing of GSTR-3B returns halved to 9% if filed by Sep 30, 2020.
The mandatory requirement of filing returns & statement of outward supplies using digital signature was relaxed. (2/2)
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 24, 2020
COVID-19 को देखते हुए करदाताओं के बोझ को कम करने के लिए कर अनुपालन से संबंधित कुछ छूट दी गईं। कुछ मामलों में भुगतान अवहेलना, ब्याज दर में कमी, विलंब शुल्क की छूट या कुछ मामलों में विलंब शुल्क की ऊपरी सीमा 500 रुपए करके राहत प्रदान की गई (1/2)@nsitharamanoffc @Anurag_Office
— PIB in Rajasthan (@PIBJaipur) August 24, 2020
ये किये गए एलान –
-कम्पोजिशन दर को अब 1% कर दिया गया है जो पहले 2 % थी।
-कंपोजीशन स्कीम को कवर सेवाओं तक विस्तारित कर दिया है।
-वित्त वर्ष 18-19 के लिए वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की तिथि 30 सितंबर, 2020 तक बढ़ा दी गई।
-1.5 रुपये तक के टर्नओवर वाले कंपोजिशन स्कीम के विकल्प के साथ – साथ गुड्स के लिए 1% टैक्स चुका सकते हैं। पहले ये सीमा 75 लाख रुपये थी।
-जीएसटी रिटर्न लेट दाखिल करने पर 500 रुपये शुल्क रखा गया है।
-वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद टैक्सपेयर का Assessee बेस दोगुना हो गया है. शुरुआत में जीएसटी के तहत आने वाले एसेसी यानी कारोबारी करीब 65 लाख थे, अब यह संख्या बढ़कर 1.24 करोड़ तक पहुंच गई है।
-वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘फिलहाल सिर्फ कुछ लग्जरी और अन्य गैरजरूरी सामान पर ही 28 फीसद की जीएसटी का ऊंचा टैक्स लगाया गया है. पहले 230 आइटम पर 28 फीसदी टैक्स था जिसे घटाकर सिर्फ 30 आइटम तक कर दिया गया है. बाकी 200 आइटम को और कम टैक्स वाले स्लैब में लाया गया है.’।